अपने क्षेत्र के जलवायु और मिट्टी के अनुसार उपयुक्त फसल का चयन करें।
ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली का उपयोग कर पानी की दक्षता बढ़ाएं।
मिट्टी का नियमित परीक्षण करें और आवश्यक पोषक तत्वों को जोड़ें।
खाद और कीटनाशकों का उचित मात्रा में उपयोग करें ताकि फसल को अधिक लाभ मिले।
आधुनिक और उन्नत खेती उपकरण का उपयोग करें जिससे श्रम और समय की बचत हो।
खेती के नए तरीकों और तकनीकों के बारे में नियमित रूप से प्रशिक्षण प्राप्त करें।