च्छी जल निकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है।
नवम्बर से जनवरी के बीच सर्वोत्तम समय होता है। – ग्राफ्टिंग या कलम विधि से पौध तैयार की जाती है।
गर्मियों में 10-15 दिन के अंतराल पर और सर्दियों में 20-25 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
– जब बादाम का बाहरी कवच सूख जाए, तो उसे तोड़कर गिरी अलग करें।
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