मिट्टी

अर्जुन को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी का pH स्तर 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

अर्जुन की खेती में भूमि की तैयारी

अर्जुन की खेती करने के लिए पहले खेत की गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी करें, ताकि पौधों की जड़ें फैल सकें। फिर, खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद डालकर, खेत को पाटा लगाकर समतल करें।

अर्जुन के पेड़ लगाने का तरीका

अर्जुन के बीजों को पानी में भिगोकर नर्सरी में बोएं। पौधों के तैयार होने के बाद इन्हें खेत में रोपें। बीज की सीधे बिजाई के लिए कलम विधि सबसे प्रभावी मानी जाती है। 

अर्जुन के पेड़ की सिंचाई

अर्जुन के पेड़ को प्रारंभिक महीनों में प्रतिदिन सिंचाई की आवश्यकता होती है, लेकिन कुछ समय बाद यह सूखा सहन करने में सक्षम हो जाता है।

अर्जुन के लिए खाद

अर्जुन के पेड़ में आवश्यकतानुसार समय-समय पर कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार खाद का उपयोग करें।

खरपतवार नियंत्रण

अर्जुन की खेती के दौरान खरपतवारों को हटाने के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें और नियमित रूप से पेड़ों की छंटाई भी करें ताकि पेड़ का विकास बेहतर हो।

अर्जुन की छाल का सेवन कैसे करें?

अर्जुन की छाल को 10-10 मिलीग्राम की मात्रा में सुबह और शाम लिया जा सकता है। इसे चाय या दूध के साथ सेवन किया जा सकता है। आप चाहें तो इसका पाउडर बना कर गर्म पानी के साथ भी सेवन कर सकते हैं।