सीधी बुवाई विधि में कम पानी, बीज और श्रम की आवश्यकता होती है, जिससे किसानों के लिए लागत कम होती है और लाभ बढ़ता है।
सीधी बुवाई में, खेत में कम पानी लगता है, जो जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
सीधी बुवाई में, खरपतवारों का प्रबंधन आसान होता है, जिससे किसानों को समय और पैसा बचता है।
सीधी बुवाई मिट्टी की संरचना और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है।
सीधी बुवाई के लिए कई उन्नत बासमती धान किस्में उपलब्ध हैं, जैसे पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885, और सीएसआर 30।