सही मिट्टी का चुनाव

चुनाव: ककड़ी की खेती के लिए रेतली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जिसका pH स्तर 5.8-7.5 के बीच हो।

उन्नत किस्में

पंजाब लोंगमेलोन-1, करनाल सिलेक्शन, अर्का शीतल, थार शीतल, लखनऊ अर्ली जैसी उन्नत किस्में अधिक उपज देने वाली होती हैं।

बीज की बुवाई

ककड़ी की बुवाई के लिए फरवरी-मार्च का समय सबसे सही होता है। प्रति एकड़ 1 किलो बीज की आवश्यकता होती है, जिसे 2.5-4 सेंटीमीटर की गहराई में बोना चाहिए।

बीज उपचार

मृदा जनित रोगों से बचाव के लिए बीजों का बैनलेट या बविस्टिन (2.5 ग्राम/किलो बीज) से उपचार करना जरूरी होता है।

सिंचाई प्रबंधन

बिजाई के तुरंत बाद सिंचाई करनी चाहिए। गर्मियों में 4-5 बार सिंचाई आवश्यक होती है, जबकि बरसात के मौसम में सिर्फ जरूरत के अनुसार ही सिंचाई करनी चाहिए।

कटाई और उपज

ककड़ी की कटाई 60-70 दिनों में शुरू हो जाती है। अच्छे उत्पादन के लिए 3-4 दिनों के अंतराल पर फल तोड़ना जरूरी होता है।