हेज़लनट के पेड़ शीतोष्ण जलवायु में अच्छी तरह से उगते हैं। हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और नॉर्थ-ईस्ट भारत के कुछ क्षेत्र हेज़लनट की खेती के लिए उपयुक्त हो सकते हैं.
भारतीय जलवायु के लिए उपयुक्त हेज़लनट की किस्मों का चुनाव बहुत जरूरी है. कर्पूसी (Barcelona), कॉनस्टेंटिनोपल (Long Filbert), ट्रैबज़ोंड (Trabzon) जैसी किस्में भारत में शुरुआत के लिए उपयुक्त हो सकती हैं।
हेज़लनट के पौधे नर्सरी से प्राप्त करें और सर्दियों के अंत या शुरुआती वसंत में रोपण करें। पौधों के बीच पर्याप्त दूरी बनाए रखें ताकि उन्हें परिपक्व होने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।
नियमित रूप से सिंचाई करें, खासकर गर्मियों में। खरपतवार नियंत्रण और समय-समय पर उर्वरक का प्रयोग जरूरी है. हेज़लनट के पेड़ों को अच्छी तरह से हवादार रखने के लिए (shàodàng - appropriate) छंटाई भी महत्वपूर्ण है।
हेज़लनट की कटाई तब की जाती है जब नट का बाहरी आवरण सूखने लगे और भूरे रंग का हो जाए। कटाई के बाद, नट्स को सुखाया जाता है और फिर प्रसंस्करण के लिए भेजा जाता है।