जरबेरा की खेती के लिए हल्की और जल निकासी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त है। मृदा का pH 5.0 से 7.2 के बीच होना चाहिए। ग्रीन हाउस में इसे उगाने से पैदावार बढ़ती है।
– सफेद रंग: व्हाइट मारिया, डेल्फी – लाल रंग: फ्रेडोरेला, शानिया – पीला रंग: फ्रेडकिंग, गोल्ड स्पॉट – गुलाबी रंग: वेलेंटाइन, पिंक ऐलिगेन्स
जरबेरा की बुवाई का सबसे अच्छा समय बारिश के बाद का है। सितंबर-अक्टूबर या फरवरी-मार्च में बुवाई करना लाभदायक होता है। टिशू कल्चर मेथड से उगाना सर्वोत्तम है।
जरबेरा की सिंचाई स्प्रिंकल विधि से करें। गर्मियों में 5 दिन और सर्दियों में 10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करना बेहतर है। खरपतवार नियंत्रण के लिए 2-4 हफ्तों पर निराई-गुड़ाई करें।
जरबेरा में चेपा, सफेद मक्खी और तना गलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। समय पर कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर उचित दवाओं का उपयोग करें।
जरबेरा की रोपाई के 3 महीने बाद फूल आना शुरू होते हैं। कटाई के बाद फूलों को 5% सुक्रोस घोल में रखने से उनकी गुणवत्ता बनी रहती है। ग्रीन हाउस में 1 वर्ग मीटर क्षेत्र से 225-250 फूल तक उपज होती है।