गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाएं। जल निकासी सुनिश्चित करें, जलभराव वाली जगहों से बचें। मिट्टी में आवश्यकतानुसार कार्बनिक पदार्थ मिलाएं।
हल्की और रेतीली मिट्टी उपयुक्त है। मिट्टी का pH 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
ठंडी जलवायु (लगभग -10 डिग्री सेल्सियस औसत तापमान) बेहतर है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्र उपयुक्त हैं।
बीज या रोपाई के माध्यम से रोपण किया जा सकता है। पौधों के बीच पर्याप्त दूरी (लगभग 5-6 मीटर) बनाए रखें।
आमतौर पर रोपण के 4-5 साल बाद शुरू होती है। हाथ से या मशीनों द्वारा कटाई की जा सकती है।