मोटे अनाज, जिन्हें मिलेट्स या श्रीअन्न के नाम से जाना जाता है, में ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, चीना, और कोदो जैसे अनाज शामिल हैं। ये प्राचीन समय से भारतीय भोजन का हिस्सा रहे हैं।
मिलेट्स में फाइबर, आयरन, और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ये पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा और मजबूती प्रदान करते हैं।
मिलेट्स की खेती के लिए धान और गेहूं के मुकाबले कम पानी की आवश्यकता होती है, जिससे ये पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। साथ ही, इन्हें उगाने के लिए केमिकल फर्टिलाइजर की भी कम जरूरत पड़ती है।
मोटे अनाज में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और वजन नियंत्रण में सहायक है।
जिन लोगों को ग्लूटन एलर्जी होती है, उनके लिए मोटे अनाज एक अच्छा विकल्प हैं। डॉक्टर भी ग्लूटन एलर्जी वाले मरीजों को मिलेट्स का सेवन करने की सलाह देते हैं।
बाजरा में मौजूद नियासिन विटामिन शरीर से ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है, जो हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद करता है।
मिलेट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ये टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी हैं। ये शरीर में शर्करा की मात्रा को तेजी से बढ़ने से रोकते हैं।
मोटे अनाज के सेवन से लंबे समय तक पेट भरा रहता है, जिससे बार-बार खाने की इच्छा कम होती है और वजन नियंत्रित रहता है।
मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभों के कारण इनकी मांग बाजार में तेजी से बढ़ रही है। कई प्रकार के मिलेट्स उत्पाद जैसे दलिया, रोटी, और स्नैक्स उपलब्ध हैं।
मिलेट्स को अपने दैनिक भोजन में दलिया, खिचड़ी, और रोटी के रूप में शामिल कर सकते हैं। इनका सेवन शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है और स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है।