मेथी पोषण से भरपूर होती है और इसमें प्रोटीन, विटामिन ए और विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है।
खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए, इसके बाद दो-तीन बार देशी हल या कल्टीवेटर से जुताई कर पाटा लगाकर मिट्टी को भुरभुरा व समतल बना लेना चाहिए।
मेथी की बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 20-25 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है, जबकि कसूरी मेथी के लिए 20 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है।
मेथी की फसल को उकठा, डैम्पिंग ऑफ, पाउडरी मिल्ड्यू, लीफ स्पॉट, डाउनी मिल्ड्यू और ब्लाइट जैसी बीमारियां प्रभावित कर सकती हैं।
कटाई का सही समय तब होता है जब बीज पककर सूखने लगते हैं। कटाई के बाद मड़ाई कर बीजों को अलग कर लिया जाता है।
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