पपीते की खेती

पपीता एक महत्वपूर्ण औषधीय फल है, जो केला के बाद सबसे अधिक उत्पादन देता है। बड़वानी जिले में पपीते की खेती व्यावसायिक रूप से की जाती है।

जलवायु और मिट्टी की आवश्यकताएं

पपीते की खेती 10 से 26 डिग्री सेल्सियस तापमान पर सफलतापूर्वक की जा सकती है। 6.5-7.5 pH मान वाली हल्की दोमट या दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है।

पारंपरिक किस्में: बड़वानी लाल, पीला, वाशिंगटन, मधुबिन्दु, हनीड्यू, कुर्ग हनीड्यू। नवीन संकर किस्में: पूसा नन्हा, पूसा डेलिशियस, सीओ-7, पूसा मैजेस्टी, सूर्या।

पपीते की किस्मों का चयन

क्यारियों और पालीथीन की थैलियों में पौध तैयार करें। वर्मी कंपोस्ट, रेत, गोबर खाद और मिट्टी का मिश्रण भरें।

पौध तैयार करने की तकनीक

खेत की जुताई कर 2x2 मीटर की दूरी पर गड्ढे तैयार करें। प्रति पौधा 200 ग्राम नाइट्रोजन, 250 ग्राम फास्फोरस और 250 ग्राम पोटाश प्रति वर्ष दें।

खेत की तैयारी और पौध रोपण

मिट्टी में सही नमी स्तर बनाए रखें। सिंचाई की आधुनिक विधि ड्रिप तकनीक अपनाएं।

सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण