मकर संक्रांति नई फसलों के स्वागत का उत्सव है। किसान अपनी मेहनत का जश्न धूमधाम से मनाते हैं।
मकर संक्रांति नई फसलों के स्वागत का उत्सव है। किसान अपनी मेहनत का जश्न धूमधाम से मनाते हैं।
इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। यह दिन और रात के संतुलन की शुरुआत का प्रतीक है।
हर राज्य में मकर संक्रांति को अलग-अलग नाम और तरीकों से मनाया जाता है, जैसे कि पंजाब में लोहड़ी, तमिलनाडु में पोंगल, और गुजरात में उत्तरायण।
तिल और गुड़ से बने लड्डू, खिचड़ी, और गन्ने का रस इस त्योहार की खास पहचान हैं। यह मिठास आपसी भाईचारे और स्नेह को दर्शाती है।
इस दिन गंगा, यमुना, और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व है। पतंगबाजी और मेलों का आयोजन उल्लास बढ़ाता है।
मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, अनाज, और वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है। यह दान-पुण्य सामाजिक सहयोग और परोपकार का प्रतीक है।