जलवायु और मिट्टी (Jalvayu aur Mitti)

खरबूजा गर्म जलवायु वाला फल है। इसकी खेती के लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है। यह बलुई दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है। मिट्टी की जल निकास क्षमता अच्छी होनी चाहिए।

किस्मों का चयन (Kismon ka Chayan)

भारत में कई तरह की खरबूजे की किस्में उगाई जाती हैं। कुछ लोकप्रिय किस्मों में पूसा हनी ड्यू, पूसा मधु, अर्क अनمول, डाक्टरी फजर्ल और हाइब्रिड F1 शामिल हैं।

बीज की बुवाई और रोपण (Beej ki Buwai aur Ropan)

खरबूजे के बीज सीधे खेत में या पौधशाला में लगाए जा सकते हैं। बीजों को बुवाई से पहले 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। खेत में क्यारियां बनाकर 2 से 3 फीट की दूरी पर बीजों को बोएं।

खेत का रखरखाव (Khet ka Rakh-Rhav)

खरबूजे के पौधों को नियमित रूप से सींचाई की आवश्यकता होती है। खरपतवार नियंत्रण और मिट्टी चढ़ाने का काम भी करते रहना चाहिए। फल लगने के बाद पौधों को सहारा देने के लिए जालियां लगाई जा सकती हैं।

कटाई और उपज (Katai aur Upj)

खरबूजा पकने पर कटाई के लिए तैयार हो जाता है। कटाई के लिए फल का रंग पीला होना चाहिए और हल्का दबाने पर थोड़ा नरम होना चाहिए।