इस मशीन से गेहूं की बुवाई में खेत को जोतने की जरूरत नहीं होती है। धान की नमी से सीधे बुवाई हो जाती है, जिससे सिंचाई की आवश्यकता नहीं रहती।
धान की पराली हटाने की आवश्यकता नहीं, पराली सड़कर उर्वरक में बदल जाती है, जो पौधों को पोषण देती है।
हैप्पी सीडर का प्रयोग भूमि को बंजर होने से रोकता है और मिट्टी की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखता है।
परंपरागत विधि की तुलना में प्रति एकड़ 10-12 किलो बीज की बचत होती है। प्रति एकड़ केवल 40 किलो बीज की आवश्यकता होती है, जबकि पारंपरिक विधि में 50-52 किलो बीज लगता है।
इस मशीन से प्रति हेक्टेयर 30-35 लीटर तक डीजल की खपत कम हो जाती है, जिससे ईंधन पर खर्च भी कम होता है।
इस मशीन से धान के शेष डंठलों के बीच में ही गेहूं की बुवाई हो जाती है, जिससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है।
हैप्पी सीडर मशीन को खेत के क्षेत्रफल के अनुसार खरीदा जा सकता है, जिससे लागत में कमी और अधिक लाभ होता है।