'कन्फ्रेंस', 'बार्टलेट', और 'फ्लेम' जैसी किस्मों का चयन।
हल्की दोमट मिट्टी और अच्छी जल निकासी।
नियमित सिंचाई और ड्रिप इरिगेशन का उपयोग।
जैविक और रासायनिक उपायों से नियंत्रण।
जलवायु परिवर्तन, कीट और बीमारियाँ, और मिट्टी की गुणवत्ता।
किस्म, गुणवत्ता, और विपणन की विधियाँ, साथ ही निर्यात की संभावनाएँ।