21-25 दिन की फसल पर पहली सिंचाई करें। सिंचाई के 3-4 दिन बाद खाद की दूसरी मात्रा डालें। बीज दर 125 किलो/हेक्टेयर रखें। उन्नत किस्में: एच. डी. 3059, एच. डी. 3237, पी.बी.डब्ल्यू. 373 आदि।
खरपतवार नियंत्रण व विरलीकरण करें। सफ़ेद रतुआ रोग की निगरानी करें।
झुलसा रोग की संभावना में डाईथेन-एम-45 का छिड़काव करें।
पत्ती खाने वाले कीटों के लिए बी.टी. या स्पेनोसेड का छिड़काव करें।
धान के अवशेषों को जमीन में मिलाएं। पूसा डीकंपोजर के उपयोग से मृदा उर्वरकता बढ़ाएं।
अवशेषों के प्रबंधन से वाष्पोत्सर्जन कम होता है।