तोतापरी बकरी की पहचान इसके तोते जैसे चेहरे से होती है। यह नस्ल मुख्य रूप से मांस उत्पादन के लिए पाली जाती है। इनकी ऊँचाई और वजन अधिक होता है, जिससे ये मांस के लिए अधिक उत्पादक मानी जाती हैं।
सिरोही नस्ल राजस्थान की प्रमुख नस्ल है, जो खासकर सूखे क्षेत्रों में पाली जाती है। यह नस्ल कठोर परिस्थितियों में भी जीवित रहती है और मांस के लिए जानी जाती है। सिरोही बकरियां तेजी से बढ़ती हैं और इनका रखरखाव भी आसान होता है।
जमुनापारी नस्ल की बकरी का आकार भी बड़ा होता है और यह मुख्य रूप से दूध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। इसका शरीर मजबूत होता है, और यह गर्म जलवायु में भी अच्छी तरह से सर्वाइव कर सकती है। इसका दूध प्रोटीन और फैट से भरपूर होता है।
बीटल नस्ल भारत की सबसे लोकप्रिय नस्लों में से एक है। यह बकरी अपने दूध और मांस दोनों के लिए पाली जाती है। इनका आकार बड़ा होता है और यह तेजी से विकसित होती हैं। बीटल बकरी को शारीरिक रूप से स्वस्थ और लंबे समय तक उत्पादन करने वाली नस्ल के रूप में जाना जाता है।
बरबरी नस्ल छोटे आकार की होती है, लेकिन यह मांस उत्पादन के लिए बेहतरीन मानी जाती है। इनका मांस स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह नस्ल कम खर्च में ज्यादा लाभ देती है और जल्दी बढ़ने वाली होती है।