मृदु सड़न (Phomopsis Phyllanthi) आंवला के फलों पर भूरे धब्बे बनाता है, जिससे पूरा फल नष्ट हो सकता है। बचाव के लिए नियमित गुड़ाई करें और जड़ों के आसपास पानी न जमने दें।
यह कीट जून से जनवरी तक सक्रिय रहता है और फलों को अंदर से खोखला कर देता है। बचाव के लिए 0.2% कार्बेरिल, 0.04% मोनोक्रोटोफॉस या 0.05% क्विनालफॉस का छिड़काव करें।
10 साल से अधिक उम्र के पेड़ों के लिए: 100 किलो गोबर खाद, 1 किलो नाइट्रोजन, 500 ग्राम फॉस्फोरस और 750 ग्राम पोटाश का उपयोग करें। इससे पौधे स्वस्थ रहेंगे और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
आंवला को रोगों और कीटों से बचाने के लिए डाइथेन एम-45 या बाविस्टीन से उपचारित करें। इससे फलों की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ बढ़ती है।
कीटों और रोगों का समय पर पता लगाने के लिए: सप्ताह में 1-2 बार बागान का निरीक्षण करें। किसी भी असामान्य धब्बे या कीट गतिविधि पर तुरंत जैविक या रासायनिक उपचार करें।
कीटनाशकों की जगह प्राकृतिक उपाय आजमाएं: नीम का तेल या ट्राइकोडर्मा जैविक फफूंदनाशक का छिड़काव करें। इससे फसल सुरक्षित रहेगी और पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।