अधिक सिंचाई और जलभराव से मिट्टी में लवणता बढ़ना।
फसल की पैदावार में कमी और मिट्टी की उर्वरता का नुकसान।
जल प्रबंधन और नमक-सहिष्णु फसलों का उपयोग।
नियमित मिट्टी परीक्षण और सुधारक उपाय।
गहरे नालों और ड्रिप सिंचाई प्रणाली का प्रयोग।
लवणता प्रभावित क्षेत्रों की पहचान और विशेष देखभाल।