अपने खेती के लक्ष्यों को निर्धारित करें और एक स्पष्ट योजना बनाएं। वार्षिक और मौसमी योजनाओं के साथ बजट और संसाधनों का प्रबंधन करें। उन्नत तकनीक का उपयोग करें:
आधुनिक खेती तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करें। ड्रिप इरिगेशन, मल्चिंग, और सटीक खेती जैसी तकनीकों को अपनाएं।
फसल चक्र का पालन करें और विभिन्न फसलों को एक साथ उगाने का प्रयास करें। इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और फसल की पैदावार बढ़ती है।
सिंचाई के लिए पानी का उचित प्रबंधन करें। वर्षा जल संग्रहण और सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों का उपयोग करें।
नियमित रूप से मिट्टी की जाँच करवाएं और उसके अनुसार उर्वरकों का उपयोग करें। जैविक खाद और हरी खाद का उपयोग करें ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।