शकरकंदी की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करें।
उच्च गुणवत्ता वाले शकरकंदी के बीजों का चयन करें और उन्हें 30-45 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएं। बीजों को 5-10 सेंटीमीटर गहराई पर बोएं।
शकरकंदी की फसल को नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है, विशेषकर बुवाई के तुरंत बाद और कंदों के विकास के दौरान।
जैविक खाद और कंपोस्ट का उपयोग शकरकंदी की उपज और गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करता है। आवश्यकतानुसार नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित उपयोग करें।
शकरकंदी की फसल को कीट और रोगों से बचाने के लिए समय-समय पर निरीक्षण करें और जैविक या रासायनिक कीटनाशकों का उचित प्रयोग करें।