किसानों को 7.90 लाख बाजरा और 89 हजार ज्वार के मिनीकिट मुफ्त दिए गए।

इस कदम से मोटे अनाज की खेती में बढ़ोतरी होगी।

कम सिंचाई और कम उपजाऊ जमीन वाले क्षेत्रों में यह खेती फायदेमंद है।

मोटे अनाज जैसे बाजरा, ज्वार, कुपोषण और स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मददगार हैं।

2023 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया गया।

खरीफ 2024 में राजस्थान में 49.60 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज की बुवाई की गई।