मध्य प्रदेश को भारत का "दलहन कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की भूमि और जलवायु तुअर, मसूर, उड़द, और चना जैसी दलहनों की खेती के लिए अत्यंत अनुकूल है। राज्य में सबसे अधिक चने का उत्पादन होता है।

उत्तर प्रदेश में दलहन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहाँ मसूर, अरहर, और चना मुख्यतः उत्पादित होते हैं। दलहन की खेती के लिए यहां के किसानों को आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है।

महाराष्ट्र में दलहन की खेती प्रमुखता से की जाती है। खासकर तुअर (अरहर) और उड़द की खेती यहां प्रमुखता से होती है। इस राज्य में दलहन उत्पादन की प्रमुखता से यहां के किसानों को आर्थिक स्थिरता मिलती है।

राजस्थान में मूंग, चना, और उड़द जैसे दलहनों की खेती होती है। यहाँ की सूखी और अर्ध-शुष्क जलवायु दलहन की खेती के लिए अनुकूल है, जिससे यहाँ के किसानों को लाभ होता है।

कर्नाटक में तुअर, उड़द, और चना की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहाँ की मृदा और जलवायु दलहन उत्पादन के लिए उपयुक्त है, जिससे यहाँ के किसानों को उच्च उत्पादन प्राप्त होता है।

आंध्र प्रदेश में मूंग, उड़द, और चना की खेती प्रमुखता से की जाती है। राज्य की जलवायु और कृषि प्रौद्योगिकी ने दलहन उत्पादन में वृद्धि को बढ़ावा दिया है।

तेलंगाना में तुअर, मसूर, और उड़द की खेती प्रमुखता से होती है। यहाँ की कृषि नीतियाँ और जलवायु परिस्थितियाँ दलहन उत्पादन के लिए अनुकूल हैं, जिससे यहाँ के किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त होता है।