खेत को अच्छी तरह से जोतकर समतल कर लें। खेत में पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें। रोपाई से पहले खेत में सिंचाई करें।
भारत में हल्दी की बुवाई का समय क्षेत्र और जलवायु के अनुसार भिन्न होता है। आमतौर पर, बुवाई का समय जून से जुलाई तक होता है।
हल्दी की अच्छी पैदावार के लिए खाद और उर्वरकों का प्रयोग आवश्यक है। गोबर की खाद या कम्पोस्ट 20-25 टन प्रति हेक्टेयर की दर से डालें।
हल्दी की कटाई रोपाई के 9-10 महीने बाद की जाती है। पत्तियों के पीले पड़ने और सूखने पर कटाई का समय उपयुक्त होता है।