पत्तियों में छेद, पीली या मुरझाई पत्तियां, फलों पर धब्बे – ये सभी कीट प्रकोप के लक्षण हैं।
नीम तेल स्प्रे, लहसुन-खट्टी मिर्च का घोल, ट्रैप लाइट – ये सभी जैविक उपाय कीटों को दूर रखते हैं।
यदि कीट ज्यादा फैल जाएं, तो विशेषज्ञ की सलाह से कीटनाशक जैसे इमिडाक्लोप्रिड या क्लोरोपायरीफॉस का छिड़काव करें।
फसल चक्र बदलने और दूसरी फसलों के साथ खेती करने से कीटों का जीवन चक्र टूटता है और नुकसान कम होता है।
हर 3-4 दिन में खेत का निरीक्षण करने से शुरुआती कीट प्रकोप को पहचाना जा सकता है और समय रहते उपाय किए जा सकते हैं।