तारामीरा की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

मिट्टी

तारामीरा की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा अनुकूल होती है।

खेत की तैयारी

तारामीरा की खेती के लिए खेत की 2 बार गहरी जुताई करनी चाहिए।

उन्नत किस्में व उपज

 टी – 27 (1976)

टार.एम. टी – 314

बिजाई

बारानी क्षेत्र में तारामीरा की बुवाई का समय मिट्टी की नमी व तापमान के आधार पर किया जाता है। नमी के अनुसार तारामीरा की बुवाई 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक करनी चाहिए। तारामीरा के बीजों की बिजाई कतारों में करें और कतार से कतार का फासला 40-45 सेंटीमीटर तक रखें।

सिंचाई

अगर किसान के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन हैं तो 40 से 50 दिन में पहली सिंचाई करनी चाहिए। तारामीरा में जरूरत पडने पर दूसरी सिंचाई दाना बनने के समय करनी चाहिए।

निराई – गुड़ाई

तारामीरा की फसल में खरपतवारों के नियंत्रण के लिए बुवाई के 20 से 25 दिन बाद निराई-गुड़ाई करनी चाहिए। यदि पौधों की तादात ज्यादा हो तो बुवाई 20 से 25 दिन बाद अनावश्यक पौधों को निकालकर पौधे से पौधे की दूरी 8-10 सेन्टीमीटर कर दें।