अगर आप किसान हैं और ट्रैक्टर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद लाभकारी साबित होने वाली है। सरकार किसानों को मिनी ट्रैक्टर खरीदने पर 2.25 लाख रुपये तक की सब्सिडी दे रही है। आज के समय में खेती की तरक्की में ट्रैक्टर की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है।
ट्रैक्टर आने के बाद जुताई, बुवाई, थ्रेसिंग और ढुलाई जैसे काम काफी आसान हो गए हैं। इससे किसान समय पर खेत की तैयारी कर पाते हैं, फसलों की बुवाई में देरी नहीं होती और उत्पादन भी बेहतर होता है। यही कारण है कि ट्रैक्टर को आधुनिक खेती की रीढ़ कहा जाता है।
बढ़ती महंगाई के इस दौर में ट्रैक्टर खरीदना छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। हर किसान के लिए ट्रैक्टर खरीद पाना आसान नहीं होता, खासकर उन किसानों के लिए जिनके पास 5 एकड़ से कम भूमि है।
ऐसे किसान अक्सर बड़े किसानों पर निर्भर रहते हैं, जिससे खेती के काम समय पर नहीं हो पाते और इसका सीधा असर फसल उत्पादन पर पड़ता है। इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने छोटे किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और खेती में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मिनी ट्रैक्टर पर मिलने वाली सब्सिडी की राशि में इजाफा किया है।
पहले यह अनुदान राशि करीब 1 लाख रुपये थी, लेकिन बढ़ती महंगाई और ट्रैक्टर की कीमतों को देखते हुए अब इसे बढ़ाकर 2.25 लाख रुपये तक कर दिया गया है।
यह फैसला खासतौर पर उन किसानों के लिए राहत लेकर आया है, जिनकी भूमि 5 एकड़ से कम है और जो लंबे समय से ट्रैक्टर खरीदने का सपना देख रहे थे।
हॉर्टिकल्चर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सब्सिडी की दर भले ही पहले जैसी ही रही हो, लेकिन ट्रैक्टर की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में 20 हॉर्स पावर तक के मिनी ट्रैक्टर की कीमत लगभग 4.5 लाख रुपये तक पहुंच गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अनुदान राशि बढ़ाई है।
योजना के तहत 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों को कम सब्सिडी, जबकि 5 एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को अधिक अनुदान दिया जाएगा, ताकि छोटे और सीमांत किसान भी ट्रैक्टर खरीदकर अपनी खेती को आधुनिक बना सकें और आत्मनिर्भर बनें।
यह योजना हॉर्टिकल्चर (उद्यानिकी) विभाग द्वारा चलाई जा रही है। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को सबसे पहले विभाग के पोर्टल MPFST पर जाकर पंजीकरण करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद किसान सूचीबद्ध 10 से 12 ट्रैक्टर कंपनियों में से किसी एक कंपनी का चयन कर सकते हैं।
चयन प्रक्रिया लॉटरी सिस्टम के माध्यम से की जाएगी। यदि किसान का नाम लॉटरी में आता है, तो उन्हें ट्रैक्टर की कुल कीमत का लगभग 40 प्रतिशत भुगतान करना होगा, इसके बाद खरीद प्रक्रिया शुरू होगी और शेष 50 प्रतिशत राशि सरकार डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए सीधे किसान के खाते में भेजेगी।
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