इस समय किसान रबी फसलों की कटाई के बाद खेत को खरीफ फसलों के लिए तैयार करेंगे। उन्हें खेत तैयार करने में काम आने वाले कृषि यंत्रों और मशीनों की आवश्यकता होगी।
राज्य सरकार किसानों की आवश्यकताओं को समझते हुए कृषि यंत्र अनुदान योजना चलाती है। तिलहन (SMAM/NFSM) तिलहन योजना के तहत किसानों को डिस्क प्लाऊ या डिस्क हैरो खरीदने पर सब्सिडी दी जाएगी।
राज्य के किसान इस योजना के तहत डिस्क प्लाऊ या डिस्क हैरो खरीदने की इच्छा व्यक्त करते हैं, तो वे आवेदन कर सकते हैं।
डिस्क प्लाऊ एक हल है जो विशेष रूप से मिट्टी को मोड़ना, मिट्टी को ऊपर उठाना, मिट्टी को मिलाना और मिट्टी को तोड़ना करता है। इसका भी उपयोग मेड बनाने में किया जाता है।
यह कृषि मशीन जड़ खेतों और चट्टानी में आसानी से काम करती है। मेड़ को बदलने, काटने या पलटने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह एक प्राथमिक जुताई कृषि यंत्र है, जो सूखी, उबड़-खाबड़, ठूंठदार और पथरीली जमीन पर बेहतर काम करता है।
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वहीं, डिस्क हैरो एक कृषि यंत्र या मशीन है जिसका इस्तेमाल मिट् टी की जुताई में भी होता है। अवतल धातु डिस्क की एक पंक्ति, जिसे स्कैलप्ड या तिरछे कोण से सेट किया जा सकता है, इसके काटने वाले किनारे पर है। इसे अवांछित खरपतवार या फसल के अवशेषों को काटने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
20 बीएचपी से कम क्षमता वाले डिस्क प्लाऊ या डिस्क हैरो पर योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमांत और महिला किसानों को कृषि यंत्र की लागत का 50 प्रतिशत, या अधिकतम 20,000 रुपए से 50,000 रुपए तक होगा।
जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को कृषि यंत्र की लागत का चालिस प्रतिशत या 16,000 से 40000हजार रुपये से अधिक की सब्सिडी दी जाएगी।
किसान को योजना के लिए आवेदन करने के लिए अपने नाम से खेती की जमीन होनी चाहिए। वहीं विभाजित परिवार में आवेदक का नाम राजस्व रिकॉर्ड में होना चाहिए।
विभाग की किसी भी योजना में किसी भी तरह का कृषि यंत्र एक कृषक को तीन वर्ष की अवधि में केवल एक बार दिया जाएगा। एक वर्ष में एक किसान को सभी योजनाओं में अलग-अलग प्रकार के तीन कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाएगा।
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राजकिसान पोर्टल पर आवेदनों का रेंडमाइजेशन करने के बाद उनका निस्तारण ऑनलाइन वरीयता क्रम के आधार पर किया जाएगा।
यदि आप राजस्थान के किसान हैं, तो आप योजना के तहत आवेदन करने के लिए नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जा सकते हैं या स्वयं जा सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने के बाद आवेदक को रसीद ऑनलाइन ही मिलेगी।
आवेदन करते समय किसान को ट्रैक्टर पंजीयन प्रमाण-पत्र (RC) की प्रति, आधार कार्ड या जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (छह महीने से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए), जाति प्रमाण-पत्र और ट्रैक्टर चलित यंत्रों के लिए ट्रैक्टर पंजीयन प्रमाण-पत्र की प्रति की जरूरत होगी।
सरकार द्वारा शुरू की गई कृषि यंत्र योजना के अंतर्गत किसानों को डिस्क प्लाऊ पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को कृषि उपकरण और मशीनरी खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
ताकि किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इस योजना के अंतर्गत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
कृषि यंत्र योजना के अंतर्गत लघु और सीमान्त किसानों को कृषि उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना की सहायता से किसानों के श्रम और समय में भी बचत होगी और किसान उत्पादन भी ज्यादा कर सकेंगे।
उत्पादन बढ़ने पर किसानों को लाभ भी प्राप्त होगा। इस योजना को सभी राज्यों में अलग अलग नामों से चलाया जा रहा है।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को 40 से लेकर 80% तक की सब्सीडी प्रदान की जा रही है। कृषि यंत्र योजना के अंतर्गत यह सब्सीडी किसानों को अलग अलग यंत्रो के हिसाब से प्रदान की जा रही है।
सरकार द्वारा शुरू की गई कृषि यंत्र योजना के डिस्क प्लाऊ पर भी किसानों को सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
डिस्क प्लाऊ एक हल के रूप में कार्य करता है। यह मिट्टी को खेती के लिए तैयार करने में काफी सहायक है। डिस्क प्लाऊ की सहायता से किसान मिट्टी को तोडना, खेत की गहरी जुताई करना आदि कार्य बड़े आसानी से कर सकता है।
यह डिक प्लाऊ सभी प्रकार की मिट्टियों और खेतो में सहायक होता है। यह उबड़ खाबड़ जमीन, पथरीली भूमि और सूखी जमीन में भी बेहतर तरीके से कार्य करता है।
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फसल बुवाई के लिए खेत को इसकी सहायता से तैयार किया जा सकता है। यह डिस्क प्लाऊ ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है इसी कारण इसे ट्रैक्टर डिस्क प्लाऊ के नाम से जाना जाता है।
किसानों द्वारा ट्रैक्टर डिस्क प्लाऊ की खरीद पर सब्सिडी वर्गों के आधार पर प्रदान की जाएगी। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को 60% यानी 24000 की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
जबकि सामान्य वर्ग के किसानों द्वारा ट्रैक्टर डिस्क प्लाऊ की खरीद पर किसानों 50% यानी 20000 रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
किसी भी मशीनरी की कीमत उसके फीचर्स और विशेषताओं के आधार पर तय की जाति है। बाजार में विभिन्न प्रकार की कंपनियों के डिस्क प्लाऊ उपस्थित है जिनकी कीमत उनके फीचर्स के आधार पर तय की गई है।
बाजार में उपस्थित डिस्क प्लाऊ है जैसे: सोनालिका 2 बॉटम, दशमेश-351, सोनालिका 3 बॉटम, जॉन डियर रिवर्सेबल डिस्क प्लाउ और फील्डकिंग घुड़सवार डिस्क हल।
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डिस्क प्लाऊ की कीमत 8000 से शुरू होकर 95000 रुपए तक है। किन्तु किसानों को केवल उन्ही डिस्क प्लाऊ पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी जो, कृषि यंत्र योजना की सूची में कृषि विभाग द्वारा अधिकृत है।
सबसे पहले आवेदक द्वारा किसान डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना चाहिए। आवेदन करने के लिए किसान को कृषि यंत्रीकरण योजना की आधारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
डीबीटी पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही आपका आवेदन स्वीकार किया जायेगा। डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद किसान कृषि विभाग की आधारिक वेबसाइट (www.farmech.bih.nic.in) पर आवेदन करें।
योजना से संबंधित कोई भी जानकारी आवेदक कृषि सहायक निदेशकों और जिला पदाधिकारियों से प्राप्त कर सकते है।
प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा किसानों को सस्ती दरों पर सिंचाई उपकरण उपलब्ध कराना है। किसानों के खेती कार्यों को सुलभ बनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएँ शुरू की गई है।
उनमे से एक ही है प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना। इस योजना के अंदर किसानों को कृषि सम्बन्धी उपकरणों पर सब्सीडी प्रदान की जा रही है।
सरकार द्वारा यह योजना किसानों के हित में शुरू की गई है। इस योजना के अंदर राज्य के किसानों को स्प्रिंकलर सेट, पाईप लाईन सेट और ड्रिप सिस्टम के अलावा अन्य की यंत्रों पर सब्सीडी प्रदान की जा रही है।
जो भी किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते है वो प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना की आधारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते है।
प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 15 मई तक आवेदन कर सकते है। प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुवात मध्य प्रदेश की सरकार द्वारा राज्य के लोगों के कल्याण के लिए शुरू की गई है।
इस योजना के अंतर्गत जिन किसानों के पास कृषि योग्य भूमि है वह इस योजना का लाभ आसानी से उठा सकते है।
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प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत आवेदन 8 अप्रैल से 15 मई तक कर सकते है। इसके अलावा बहुत सी ऐसी योजनाएँ है जिनके अंतर्गत सिंचाई उपकरणों पर सब्सीडी प्रदान की जा रही है।
आइये बात करते है उन योजनाओं के बारे में जिन पर सरकार सिंचाई उपकरणों पर सब्सीडी प्रदान कर रही है।
इन सभी योजनाओं के अंतर्गत इन सभी कृषि यंत्रों पर सब्सीडी प्रदान की जाएगी। यह सभी योजनाए सरकार द्वारा किसानों के लिए आसान कृषि कार्यों को करने हेतु निर्मित की गई है।
इन योजनाओ के जरिये आसान दरों पर किसान को सिंचाई उपकरण प्रदान कराये जायगे ताकि कृषि कार्यों को आसान बनाया जा सके और कृषि उत्पादन में भी वृद्धि की जा सके।
कृषि सिंचाई यंत्रों पर किसानों को सब्सीडी वर्ग के अनुसार प्रदान की जाएगी। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आने वाले किसानों को कृषि सिंचाई यंत्रों पर 55% सब्सीडी प्रदान की जाएगी। जबकि सामान्य वर्ग के अंतर्गत आने वाले किसानों को 45% तक की सब्सीडी प्रदान की जाएगी।
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इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता रहती है। इस योजना का लाभ किसान ऑनलाइन भी उठा सकते है।
कृषि सिंचाई योजना का लाभ किसान ऑनलाइन ही उठा सकते है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान योजना की आधारिक वेबसाइट https://farmer.mpdage.org/Home/Index पर जाकर आवेदन कर सकते है। जिन किसानों ने पहले से ही पोर्टल पर पंजीकृत कराया हुआ है वह ओटीपी के माध्यम से लॉगिन कर सकते है।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान CSC सेंटर पर जाकर भी आवेदन कर सकता है। वही जिन किसानों ने पंजीकरण नहीं कराया है उन्हें बायोमैट्रिक आधार अथेन्टिकेशन के जरिये पंजीकरण कराना आवश्यक है।
सरकार द्वारा किसान की बुवाई लागत को कम करने और समय की बचत करने के लिए पैडी ड्रम सीडर पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
सरकार द्वारा किसानों को कृषि उपकरण बहुत ही कम लागतों पर उपलब्ध कराये जा रहे है। किसानों को खेती के लिए प्रेरित करने और उनका आर्थिक विकास करने के लिए सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर छूट प्रदान की जा रही है।
खरीफ सीजन के शुरुआत में किसान धान की बुवाई करना शुरू कर देता है, ये मशीन किसान की लागत और मेहनत दोनों में बचत करती है।
धान की बुवाई के लिए यह मशीन काफी उपयोगी है, इससे बहुत ही कम समय में धान की बुवाई की जा सकती है। पैडी ड्रम सीडर मशीन को किसान खुद भी चला सकता है।
पैडी ड्रम सीडर मशीन से बुवाई करने में सभी बीजों का अंकुरण एक साथ होता है , जिससे फसल की उत्पादन क्षमता भी काफी अच्छी रहती है।
पैडी ड्रम सीडर मशीन का उपयोग किसानों द्वारा धान की बुवाई के लिए किया जाता है। खरीफ सीजन में ये मशीन धान की बुवाई के लिए काफी उपयोगी है , यह मानव चलित मशीन है।
पैडी ड्रम सीडर मशीन की सहायता से समान रूप में बीजों की बुवाई की जाती है और सभी बीजों का अंकुरण भी एकसमान होता है। यह फसल उत्पादन में वृद्धि लाता है।
यह मशीन किसान के श्रम और लागत दोनों में बचत करती है। बारिश वाले क्षेत्रों में बहुत ही कम लागत पर पैडी ड्रम सीडर से बुवाई की जाती है।
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इस मशीन की सहायता से किसान को न तो धान की नर्सरी करनी पड़ती है और ना ही धान की रोपाई करनी पड़ती है। पैडी ड्रम सीडर मशीन की सहायता से धान की सीधी बुवाई कर दी जाती है। इस मशीन से खेत में बुवाई करने पर धान की पैदावार में भी वृद्धि होती है।
पैडी ड्रम सीडर मशीन पर किसानों को वर्गों के अनुसार सब्सिडी प्रदान की जा रही है। पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लोगों को पैडी ड्रम सीडर पर 60% सब्सिडी यानी 3750 रूपए की छूट प्रदान की जा रही है। यही सामान्य वर्ग में आने वाले लोगों को 50% सब्सिडी यानी 3000 रुपए की छूट प्रदान की जाएगी।
पैडी ड्रम सीडर पर मिलने वाली यह सब्सिडी किसानों को उनकी खेती और नई तकनीकी की ओर प्रेरित करेगी। जिससे किसान का आर्थिक विकास तो होगा ही बल्कि भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।
किसी भी कृषि उपकरण की कीमत उसके फीचर्स और विशेषताओं के आधार पर निर्धारित की जाती है। बाजार में अलग अलग कंपनियों के पैडी ड्रम सीडर उपलब्ध है, लेकिन किसान कृषि विभाग द्वारा अधिसूचित कंपनी के पैडी सीडर की ही खरीद कर सकता है।
सब्सिडी का लाभ किसान केवल तभी उठा सकते है, जब वह कृषि विभाग द्वारा अधिसूचित कंपनी का पैडी ड्रम सीडर खरीदते है। बाजार में पैडी ड्रम सीडर की कीमत 5000 से 6000 तक है।
पैडी ड्रम सीडर मशीन पर सब्सिडी पाने के लिए सबसे पहले योजना की आधारिक वेबसाइट (www.farmech.bih.nic.in) पर जाकर आवेदन करें।
आवेदन करने से पहले डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है, बिना रजिस्ट्रेशन के आप आवेदन नहीं कर सकते है।
योजना में आवेदन करने हेतु जानकारी कृषि विभाग के अधिकारी या जिला पदाधिकारी से बात कर सकते है। बिना रजिस्ट्रेशन के OFMAS पर आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सरकार द्वारा किसानों को कृषि यंत्र पर काफी छूट प्रदान की जा रही है। ऐसे में ही थ्रेसर मशीन पर किसानों को एक लाख रुपए की छूट प्रदान की जा रही है।
सरकार द्वारा किसानों के लिए बहुत सी अनुदान योजनाए किसानों के हित में चलाई जा रही है। कृषि पंजीकरण योजना के अंतर्गत 35 बीएचपी से ऊपर वाले ट्रैक्टर चालको के लिए 50% सब्सीडी प्रदान की जा रही है।
राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए शुरू की गयी कृषि यंत्रीकरण योजना के अंदर किसानों को थ्रेसर मशीन पर सब्सीडी प्रदान की जा रही है।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को थ्रेसर मशीन (Thresher machine) पर 50% सब्सीडी प्रदान की जाएगी, यही समान्य वर्ग के अंतर्गत आने वाले किसानों को 40% सब्सीडी प्रदान की जाएगी।
जिन किसानों के पास 35 बीएचपी से ऊपर वाले ट्रैक्टर है उन्हें 50% सब्सीडी प्रदान की जाएगी। यानी 100000 रुपए तक की सब्सीडी प्रदान की जाएगी।
ऐसे किसान इस योजना का लाभ उठाकर अपने लिए कृषि यंत्र खरीद सकते है। यह सरकार द्वारा चलाई गई महत्वपूर्ण कृषि यंत्रीकरण योजना है।
इसमें सरकार द्वारा 35 बीएचपी से ऊपर वाले ट्रैक्टर के लिए 100000 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। लेकिन अब तक की सबसे अधिकतम सब्सीडी 80000 रुपए रही है।
थ्रेसर एक ऐसी मशीन है जो अंकुरित फसलों को अलग करती है। यह थ्रेसर मशीन भूसे को फसल से अलग करने का कार्य भी करती है।
यदि आप भी इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते है तो जल्द ही कृषि यंत्रीकरण योजना के लिए आवेदन कर सकते है। थ्रेसर का उपयोग वैसे ज्यादातर हर फसल के लिए किया जाता है।
सरकार द्वारा इस मशीन की खरीद के लिए किसानों को सब्सीडी उपलब्ध करवा रही है, जिसके लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है।
बाजार में कई प्रकार के थ्रेसर मशीन (Thresher machine) आते है लेकिन उनमे से कुछ बाजार में प्रचलित है जैसे: लैंडफोर्स हारम्भा थ्रेसर, लैंडफोर्स मल्टी क्रॉप, दशमेश 641-पैडी थ्रेसर, महिंद्रा M55 लैंडफोर्स पैडी थ्रेसर और केएस एग्रोटेक मल्टीक्रॉप, आदि। लेकिन किसान सिर्फ उन्ही थ्रेसर मशीन को खरीदना पड़ेगा जो सरकार द्वारा अधिकृत है।
थ्रेसर मशीन फसल को अंकुरित करने के अलावा नाज छानने का काम भी करता है। यह फसलों की कटाई बहुत ही सुगम तरीके से करता है।
सभी फसलों के लिए अलग प्रकार के थ्रेसर आते है, जैसे मक्का के लिए थ्रेसर, धान झाड़ने के लिए अलग थ्रेसर। थ्रेसर श्रम और लागत को कम करता है किसानों के सभी कार्यों को सुगम तरीके से करता है।
थ्रेसर मशीन की खरीद के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है।
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इस योजना का लाभ पाने के लिए सबसे पहले आपको इस योजना की आधारिक वेबसाइट पर जाना होगा। इस योजना के लिए आप ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते है।
आवेदन करने के बाद मोबाइल नंबर डाले। मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। इसके बाद आपको अलग अलग राज्यों के नाम के साथ आपको योजनाए दी हुई होगी, लेकिन अपने राज्य का चयन करके योजना का चयन करें।
आप जिस प्रकार की योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते है, उस विकल्प पर क्लिक करें। सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद आप आवेदन कर सकते है और योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।
किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न योजनायें शुरू की जा रही है। यह सब योजनायें किसानों के हित के लिए शुरू की गई है। किसानों के लिए खेती से जुड़े उपकरण काफी जरूरतमंद होते है।
बिना उपकरण के खेती करना नामुमकिन है। बहुत से उपकरण ऐसे भी होते है जिन्हे किसान उनकी कीमतों को देखते हुए नहीं खरीद सकता। इसी वजह से केंद्र सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनायें शुरू की गई है।
इन योजनाओं के चलते किसान कम दामों और किस्तों में मशीनरी या खेती से सम्बंधित कोई भी उपकरण आसान किस्तों पर प्राप्त कर सकता है। और अपनी कृषि आय को बढ़ा सकता है।
केंद्र सरकार द्वारा सिर्फ कृषि उपकरणों पर ही नहीं बल्कि ट्रैक्टरों पर भी सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। आइये आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे प्रधान मंत्री ट्रैक्टर योजना सब्सिडी 2024 के बारे में।
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधान मंत्री ट्रैक्टर योजना के अंतर्गत किसानों को 2 व्हील ड्राइव और 4 व्हील ड्राइव वाले ट्रैक्टरों पर 50% सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। जो भी किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते है वो इस योजना की आधारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते है।
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गेहूँ की कटाई के बाद बहुत से किसान ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए मूँग की खेती करेंगे , मूँग की बुवाई के लिए हैप्पी सीडर मशीन को बेहतर माना जाता है।
सभी किसानों को सस्ती दरों पर हैप्पी सीडर प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा हैप्पी सीडर मशीन पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
हैप्पी सीडर (Happy seeder) की सहायता से किसान खेत की बिना जुताई करें ही मूंग की फसल की बुवाई कर सकता है। हैप्पी सीडर मशीन से बुवाई करने के बाद खेत में जुताई की जरुरत नहीं होती है।
किसानों के लिए सबसे अच्छी बात यह है, हैप्पी सीडर मशीन की खरीद पर 80% यानी 120000 रुपए की सब्सीडी प्रदान की जा रही है।
किसान कृषि यंत्र योजना में आवेदन करके हैप्पी सीडर मशीन पर मिलने वाली सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकता है।
सरकार द्वारा लागू की गई इस योजना को अलग अलग राज्यों में विभिन्न विभिन्न नामों से जाना जाता है। एमपी में इस योजना को ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के नाम से जाना जाता है और उत्तर प्रदेश और बिहार में कृषि यंत्रीकरण योजना के नाम से जाना जाता है।
राज्य के सभी किसान जो इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते है वो सभी इस योजना में आवेदन करके इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।
इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के किसानों को हैप्पी सीडर पर 80 % सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
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9 से 11 टाइन के हैप्पी सीडर पर किसानों को 120000 की सब्सीडी प्रदान की जाएगी। इसी योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के किसानों को 75% सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
बाजार में विभिन्न्न प्रकार की कंपनियों के सुपर सीडर आते है। हैप्पी सीडर मशीन की कीमत 1.58 लाख से शुरू होकर 2.53 लाख रुपए तक है। हैप्पी सीडर की कीमत उसके फीचर्स और स्पेसिफिकेशन के आधार पर निर्धारित की जाती है।
बाजारों में बहुत सी कंपनियों की सुपर सीडर मशीने उपलब्ध है लेकिन भारतीय किसानों के बीच केवल दशमेश 610 , मलकित हैप्पी सीडर और जगतजीत हैप्पी सीडर लोकप्रिय है।
कृषि विभाग द्वारा अधिसूचित की गई कंपनियों से ही किसानों को योजना के अंतर्गत हैप्पी सीडर मशीन खरीदनी पड़ेगी तभी वह इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।
बिहार राज्य के वो सभी किसान जो सुपर सीडर मशीन लेने को इच्छुक है जैसे :क्लस्टर फेडरेशन, जीविका समूह, प्रगतिशील किसान और ग्राम संगठन ऑनलाइन आवेदन करके इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।
इस योजना के अंतर्गत किसान जो कृषि यंत्र खरीद रहा है उस उपकरण की कीमत से अनुदान की राशि घटा कर शेष राशि का भुगतान करके कृषि यंत्र खरीद सकेगा। अनुदान की राशि को कृषि यंत्र निर्माता के खाते में जमा कर दिया जायेगा।
सुपर सीडर मशीन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान को कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता रहती है, जैसे:
हैप्पी सीडर मशीन का लाभ प्राप्त करने के लिए सबसे पहले बिहार के कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के OFMAS पर आवेदन नहीं कर सकते।
उसके बाद इच्छुक किसान कृषि यंत्रीकरण सॉफ्टवेयर OFMAS पर आवेदन करें। डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद किसान को कृषि विभाग की वेबसाइट (www.farmech.bih.nic.in) पर आवेदन करना होगा।
इस योजना में आवेदन करने के लिए और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान अपने प्रखंड कृषि अधिकारी, सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण और जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकता है।
गौवंशीय पशुओं की नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए नन्द बाबा मिशन के तहत सरकार ने "नंदिनी कृषक समृद्धि योजना " को लागू किया है।
यह योजना उत्तरप्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लागू की गई है। यह योजना अगस्त 2023 में लागू की गई थी जिसका मुख्य उद्देश्य किसान की आय में वृद्धि करना है।
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और स्वदेशी गाय की नस्लों में रुझान बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के अलावा प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना और मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना को भी शुरू किया जायेगा।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए पंजाब से साहिवाल, राजस्थान से थारपारक और गुजरात से गिर गाय की 25 नस्लों को उपलब्ध करा के किसानों की आय में वृद्धि करना है। खेती के साथ साथ सरकार पशुपालन पर भी अपना ध्यान दे रही है।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत सरकार किसानों को डेयरी खोलने के लिए 31 लाख रुपए तक की सब्सीडी प्रदान कर रही है। इस योजना के पात्र सभी किसान योजना में आवेदन करके इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत सरकार किसानों को 25 गायों की नस्ल की इकाई स्थापित करने के लिए सरकार किसानों को सब्सीडी प्रदान कर रही है।
इकाई स्थापित करने के लिए सरकार की स्थापन लागत 62,50,000 है जिसमे से किसान को डेयरी खोलने के लिए 3125000 रुपए की सब्सीडी प्रदान की जाएगी। इस योजना का लाभ उठाकर किसान दुग्ध उत्पादन में तो वृद्धि करेगा साथ ही आय में भी वृद्धि होगी।
गाय की 25 नस्लों पर सब्सीडी प्रदान की जायगी। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान को उन्नत गाय की नस्लों की खरीद करनी पड़ेगी।
इस योजना के अंतर्गत किसान पशुपालक को साहीवाल, थारपारकर, गिर और गंगातीरी प्रजाति की गाय की नस्लों की खरीद करनी पड़ेगी और उनका पालन करना पड़ेगा।
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इस योजना का लाभ किसान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से उठा सकते है। यदि आवेदकों की संख्या अधिक है तो लाभार्थी का चयन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई -लॉटरी के माध्यम से किया जायेगा।
प्रथम चरण में आवेदन केवल वाराणसी, कानपूर, गोरखपुर, अयोध्या, मेरठ, आगरा, बरेली, लखनऊ और प्रयागराज के किसान कर सकते है।
इस योजना से सम्बन्धित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने जिले के पशुपालक विभाग से संपर्क कर सकते है।
किसान रबी की फसल की कटाई के बाद दूसरी फसल की तैयारी मे लग जाता है। इसी बात को ध्यान मे रखते हुए किसानों को सस्ती दरों पर मशीनरी उपकरण प्रदान किये जा रहे है।
सरकार द्वारा किसानों के लिए कृषि यंत्र अनुदान योजना चलाई जा रही है इन योजनाओं को अलग राज्यों मे अलग नामो से जाना जाता है।
इन सभी योजनाओं के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र प्रदान किये जा रहे है। इसी योजना के चलते राज्य सरकार की ओर से किसानों को कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत ट्रैक्टर रोटावेटर पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को 60% सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के चलते किसान आधी कीमत पर ट्रैक्टर रोटावेटर प्राप्त कर सकते है। किसान मशीनरी और कृषि उपकरणों पर मिलने वाली सब्सिडी का लाभ उठाकर कृषि यंत्रों की खरीद कर सकता है।
रोटावेटर खेतों मे होने वाली बुवाई के लिए काफी लाभदायक है, यह बुवाई के वक्त खेतों मे बचे हुए फसल के अवशेषों को हटाने उनका अच्छे से मिश्रण कर मिट्टी मे दबाने के लिए काफी उपयोगी है।
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इसका ज्यादातर उपयोग तब किया जाता है जब खेतों में बीज पड़ना शुरू हो जाता है। रोटावेटर गेहूँ, मक्का और गन्ना जैसी फसलों के अवशेषों को हटाने मे काफी सहायक है।
इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा किसानों को दो तरीको के रोटावेटर पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। पहली श्रेणी मे आने वाले 20 से 35 बी एचपी के रोटावेटर जो ट्रैक्टर द्वारा चलित है उन पर 60% सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
पहली श्रेणी के अंतर्गत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को 60% सब्सिडी प्रदान की जायेगी यानी 25000 रुपए की सब्सिडी इन वर्ग के किसानों को प्रदान की जाएगी। सामान्य वर्ग के अंतर्गत आने वाले किसानों को 50% सब्सिडी प्रदान की जाएगी यानी 20000 रुपए।
दूसरी श्रेणी मे आने वाले रोटावेटर 35 बीएचपी के ऊपर वाले रोटरी ट्रिलर पर सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वाले किसानों को सरकार 60% यानी 30000 और सामान्य वर्ग के किसानों को 50% यानी 25000 रुपए की सब्सीडी प्रदान करेगी।
बाजार मे बहुत सी कंपनियों के रोटावेटर उपलब्ध है लेकिन उनमे से कुछ ही प्रचलित है। सरकार द्वारा योजना के अंदर अधीकृत की हुई कंपनी के ही रोटावेटर पर किसान को सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
बाजार मे उपलब्ध रोटावेटर कंपनियों के नाम है स्वराज, एग्री स्टार, महिंद्रा, केएम डब्ल्यू किर्लोस्कर (KMW Kirloskar), मास्कीओ गास्पार्दो (Maschio Gaspardo), फील्डकिंग (Fieldking) , गरुड (Garuda) और शक्तिमान (Shaktiman)। रोटावेटर की कीमत की बात करें तो भारत मे रोटावेटर की कीमत 13300 से लेकर 1.68 लाख रुपए तक है।
सबसे पहले आपको डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा, बिना रजिस्ट्रेशन के ofmas पर आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा। डीबीटी पोर्टल पर आवेदन करने के बाद किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा।
(www.farmech.bih.nic.in ) इस योजना के तहत किसान अपने जिला निदेशक से बात कर सकता है। योजना के बारे मे अधिक जानकारी लेने के लिए किसान जिला कृषि पदाधिकारी से सम्पर्क कर सकता है।
इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई है। यह योजना उन लोगों के लिए बनाई गयी है, जो पशुपालन के क्षेत्र में अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते है।
नाबार्ड पशुपालन योजना के तहत लोगों को तकरीबन 1200000 तक का लोन यानी ऋण प्रदान किया जायेगा। सरकार द्वारा डेयरी उद्योग और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए इस योजना का निर्माण किया गया है।
नाबार्ड पशुपालन लोन के अंतर्गत सामान्य श्रेणी के अंतर्गत आने वाले नागरिको को 3.30 लाख तक की सब्सिडी प्राप्त हो सकती है, इसके अलावा अनुसूचित जाती और अनुचित जनजाति के अंतर्गत आने वाले सभी नागरिको को 4.40 लाख तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
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मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना का निर्माण 4 नवंबर 2022 को उत्तराखंड के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने किया था। यह योजना उत्तराखंड की महिलाओं के कल्याण के लिए लागू की गयी थी।
इस योजना का उद्देश्य आने वाले साल 2025 तक करीब एक लाख पच्चीस हजार महिलाओं को लखपती बनाना है।
मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना का लाभ स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाऐं उठा सकती है। इस योजना के जरिये महिलायी आत्मनिर्भर बन अपने परिवार का पालन पोषण और देखभाल कर सकती हैं।
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साथ ही उनके जीवन स्तर में भी काफी सुधार आएगा। इस योजना का संचालन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है।
इस योजना में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 5 लाख रुपए तक की राशि पर ब्याजमुक्त लॉन प्रदान किया जायेगा।
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इस समय किसान रबी फसलों की कटाई के बाद खरीफ फसलों की तैयारी करेंगे। उन्हें इसके लिए कृषि यंत्रों या कृषि मशीनों की आवश्यकता होगी। छोटे और सीमांत किसान कृषि यंत्रों की कीमत अधिक होने से खरीद नहीं पाते हैं।
इसलिए सरकार किसानों के लिए कृषि यंत्र अनुदान योजना लेकर आई है जिससे की छोटे किसान कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी पाकर कम समय खेती का कार्य कर सकते हैं।
कृषि यंत्र अनुदान योजना (Krishi Yantra Anudan Yojana) का उद्देश्य किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ देना है। विभिन्न राज्यों में इस योजना को अलग-अलग नामों से चलाया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में कृषि यंत्रीकरण योजना (Krishi Yantrikaran Yojana) और राजस्थान में कृषि यंत्र अनुदान योजना (Krishi Yantra Anudan Yojana) नामक योजनाएं लागू हैं। बिहार सरकार इस योजना को कृषि यांत्रिकरण राज्य योजना (Krishi Yantrakaran Rajya Yojana) के नाम से चला रही है।
इस योजना के तहत राज्य के किसानों को 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी, इस योजना के तहत कृषि मशीनरी बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार सब्सिड़ी देगी। बिहार सरकार इसके लिए 5 अप्रैल 2024 से आवेदन करने जा रही है।
राज्य सरकार की सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाईजेशन योजना के तहत 257 कृषि यंत्र बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक कस्टम हायरिंग सेंटर को 10 लाख रुपये की लागत निर्धारित की गई है।
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किसानों को योजना के तहत कृषि उपकरणों की खरीद पर चालिस प्रतिशत सब्सिडी, या चार लाख रुपये मिलेंगे। प्रदेश में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए राज्य सरकार लगभग 1068 लाख रुपये खर्च करेगी। क्षेत्र के किसान कृषि मशीनरी बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर से कृषि यंत्र किराये पर ले सकते हैं।
जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे महंगे कृषि यंत्र नहीं खरीद पाते हैं, वे इस योजना से खासकर लाभ उठाएंगे।
योजना के तहत बिहार के पात्र लाभार्थी व्यक्ति कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://farmech.bih.nic.in/FMNEW/Homenew.aspx पर 5 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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