बिहार सरकार ने मधुमक्खी पालन इकाई खोलने के लिए करोड़ों की मंजूरी दी

By: tractorchoice Published on: 24-Jun-2025

बिहार सरकार ने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 2025-26 में एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत करोड़ों की योजना मंजूर की है। 

किसानों को मधुमक्खी बक्सा, छत्ता और निष्कासन यंत्र पर अच्छा खासा अनुदान मिलेगा। परिणामस्वरूप इससे आमदनी में वृद्धि और कृषि उत्पादकता में निश्चित सुधार होगा।

उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार कृषि क्षेत्र के सतत विकास, किसानों की आय में वृद्धि तथा कृषि विविधीकरण को बढ़ावा देने हेतु लगातार कार्य कर रही है। 

इसी कड़ी में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के अंतर्गत मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन योजना को मंजूरी प्रदान की गई है।

मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन योजना के लिए 10.30 करोड़ की मंजूरी  

मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन योजना के अंतर्गत कुल 10.30 करोड़ रुपये की राशि की निकासी एवं व्यय को स्वीकृति दी गई है। 

इसका उद्देश्य किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर कृषि में परागण की प्रक्रिया को मजबूत करना, मधु उत्पादन को प्रोत्साहित करना तथा किसानों की आजीविका को सुदृढ़ बनाना है। 

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी, जिससे व्यापक स्तर पर किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। 

योजना के अंतर्गत किसानों को तीन प्रमुख घटकों मधुमक्खी बक्सा, मधुमक्खी छत्ता और मधु निष्कासन यंत्र एवं फूड ग्रेड कंटेनर पर 50% प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा। 

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मधुमक्खी बक्से की इकाई लागत 

मधुमक्खी बक्से की इकाई लागत 4000 रुपये है, जिस पर 2000 रुपये का अनुदान मिलेगा। मधुमक्खी छत्ते की लागत 2000 रुपये तय की गई है, जिस पर 1000 रुपये का अनुदान मिलेगा। वहीं, मधु निष्कासन यंत्र और दो फूड ग्रेड कंटेनर (प्रत्येक 30 किग्रा) की कुल लागत 20000 रुपये है, जिसमें किसानों को 10000 रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा। 

मधुमक्खी बक्सों में क्या-क्या होगा ? 

बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त उपकरण राष्ट्रीय बागवानी मिशन द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों के मुताबिक होंगे। मधुमक्खी बक्सों में ब्रुड चेंबर, क्वीन एक्सक्लूडर, इनर कवर, हनी चैंबर, टॉप कवर, स्टैंड एवं आठ फ्रेम होंगे। 

वहीं, मधुमक्खी छत्तों में रानी, ड्रोन और वर्कर मधुमक्खियाँ, मोम और अन्य सहायक उपकरण दिए जाएंगे। इससे किसानों को आधुनिक तकनीकों से लैस किया जाएगा। 

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मधुमक्खी पालन और फसल उत्पादकता में सुधार होगा 

सिन्हा ने बताया कि यह योजना न केवल मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देगी, बल्कि फसलों की उत्पादकता में सुधार लाकर किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगी। 

मधु एवं इससे संबंधित उत्पादों के प्रसंस्करण से किसान अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। यह पहल आत्मनिर्भर बिहार के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 



प्रश्न : मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन योजना के लिए कितने करोड़ मंजूर किए हैं।   

उत्तर : मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन योजना के तहत 10.30 करोड़ की मंजूरी दी गई है। 

प्रश्न : मधुमक्खी बक्सों के अंदर क्या-क्या होगा ?

उत्तर : मधुमक्खी बक्सों के अंदर ब्रुड चेंबर, क्वीन एक्सक्लूडर, इनर कवर, हनी चैंबर, टॉप कवर, स्टैंड एवं आठ फ्रेम होंगे। 

प्रश्न : मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के फलस्वरूप अन्य और क्या लाभ होगा ?

उत्तर : मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की वजह से फसल उत्पादकता में भी काफी सुधार होगा।  

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