मधुमक्खी पालन के लिए प्रमुख प्रजातियां

By: tractorchoice
Published on: 08-Feb-2025
Key bee species for beekeeping and honey production information

खेती-बाड़ी के अलावा किसान आज के समय में मधुमक्खी पालन की तरफ अपना रुझान कर रहे हैं। मधुमक्खी का पालन करने से किसानों को काफी अच्छा मुनाफा भी हांसिल हो रहा है। 

मधुमक्खी का सहद बेहद शुद्ध और सेहतमंद होता है। मधुमक्खी के शहद का सेवन करने से कई सारी बिमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। 

अनेकों खूबियों से युक्त मधुमक्खी का शहद बाजार में काफी अच्छी कीमत पर बिकता है। इसलिए शहद उत्पादन करना हमेशा से काफी प्रचलन में रहा है। 

ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में आज हम आपको मधुमक्खी की कुछ प्रमुख प्रजातियों के बारे में जानकरी देंगे। आप इन मधुमक्खियों का पालन करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं।    

पहाड़ी या सारंग मधुमक्खी 

  • पहाड़ी या सारंग प्रजाति की मधुमक्खी स्वभाव से काफी ज्यादा खतरनाक होती है। 
  • यह मधुमक्खी अपने छत्ते को पेड़ों, पहाड़ों की गुफाओं जैसे ऊँचे स्थानों पर बनाने के चलते इसको रॉक बी की संज्ञा प्रदान की गई है। 
  • पहाड़ी या सारंग मधुमक्खी के छत्ता 5-7 फीट लम्बा और 2-4 फीट चौड़ा होता है। 
  • पहाड़ी या सारंग मधुमक्खी छत्ते से लगभग 30-35 किग्रा शहद प्राप्त हो जाता हैै। 
  • पहाड़ी या सारंग मधुमक्खी के शहद में नमी की मात्रा तुलनात्मक अधिक होती है। 
  • पहाड़ी या सारंग मधुमक्खी के स्वभाव व रहन-सहन की वजह से इसका पालन नहीं कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें: बकरी पालन से जुड़ी जानकारी सफल बकरी पालक राजेंद्र की जुबानी

भारतीय मौना

  • मधुमक्खी की इस प्रजाति की भारतीय मौना के नाम से जाना जाता है। 
  • भारतीय मौना मधुमक्खी का आकार पहाड़ी या सारंग मधुमक्खी से छोटा और स्वभाव काफी शान्त होता है। 
  • भारतीय मौना मधुमक्खी प्रजाति की मधुमक्खी का आसानी से मौन गृहों में पालन किया जा सकता है।
  • भारतीय मौना अपना छत्ता घरों की दीवारों, पुराने मकानों की छतों व पेड़ों की शाखाओं पर बनाती है। 
  • भारतीय मौना मधुमक्खी के एक छत्ते से करीब 3-3.5 किग्रा शहद हांसिल हो सकता है। 

छोटी मौना 

छोटी मौना प्रजाति की मधुमक्खी आकार में अन्य मधुमक्खियों की तुलना में छोटा होता है। 

  • छोटी मौना मधुमक्खी का स्वभाव काफी शान्त और छोटी मौना मधुमक्खियों में डंक भी नहीं होता है। 
  • छोटी मौना मधुमक्खी की पालन करना बहुत ही आसान होता है। 
  • छोटी मौना अपना छत्ता घरों की दीवारों और पेड़ों के तनों में खोखले स्थान पर बनाते हैं।
  • छोटी मौना के छत्ते बहुत छोटे होते हैं, जिससे लगभग 0.5 किग्रा शहद हांसिल हो जाता है। 
  • छोटी मौना का पालन कम शहद उत्पादन क्षमता की वजह से व्यापारिक तौर पर नहीं किया जाता है।  
  • छोटी मौना प्रजाति की मधुमक्खियों के लिए सूखी जलवायु सबसे अनुकूल मानी जाती है।

इटैलियन मधुमक्खी

  • इटैलियन मधुमक्खी का आकार में मध्यम और स्वभाव शांत होता है। 
  • यह भारतीय मौना से लगभग 9 से 10 गुना ज्यादा शहद उत्पन्न करती है। 
  • इटैलियन मधुमक्खी की विभिन्न खूबियों के चलते इसका बड़े पैमाने पर मौन गृहों में पालन किया जाता है। 
  • इटैलियन मधुमक्खी इसके एक छत्ते से लगभग 45-181 किग्रा तक शहद प्राप्त हो जाता है।

ये भी पढ़ें: इस राज्य में मिल रहा रेशम कीट पालन पर 90% फीसद अनुदान और प्रशिक्षण

निष्कर्ष -

मधुमक्खी पालन आज के समय में काफी मुनाफा देने वाला व्यवसाय बनकर उभरा है। मधुमक्खी पालन कर आप काफी अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। 

Similar Posts