गेंहू रबी सीजन की प्रमुख फसल है। इसकी बुवाई को लेकर किसानों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। यहां की मुख्य फसल धान और गेहूं है।
अगेती किस्म की गेहूं की खेती करने वाले कृषकों को 25 नवंबर से बुवाई शुरू कर देनी चाहिए। सिर्फ इतना ही नहीं बुवाई के समय कुछ खास बातों पर भी विशेष ध्यान देना पड़ता है।
एचडी 2967 अगेती किस्म है। विशेषज्ञों का मानना है कि एक से 15 नवंबर का समय अगेती किस्मों का है।
इसलिए 2967 किस्म की बिजाई करने के इच्छुक किसानों को 15 नवंबर से पहले बिजाई करनी होगी। अगर समय पर बिजाई नहीं की गई तो गेहूं की पैदावार पर असर पड़ेगा।
यदि निर्धारित समय के बाद बिजाई करनी होगी। 15 से 25 नवंबर के बीच मध्यम किस्मों का चयन करें और 26 नवंबर के बाद पछेती किस्मों की बिजाई करनी चाहिए।
एचडी–2967 भारतीय गेहूं एवं जो अनुसंधान द्वारा सन 2011 में विकसित की गई थी। यह एक उच्च पैदावार देने वाली किस्म है।
यह किस्म एक उच्च गुणवत्ता वाली और स्वादिष्ट किस्म है, जो खाने में सबसे ज्यादा प्रयोग में लाई जाती है। इस किस्म की बिजाई हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा की जाती है।
यह किस्में पककर तैयार होने में तकरीबन 150 से 155 दिन का समय लेती हैं।
गेंहू की इस एचडी–2967 किस्म की बिजाई किसान भाई हल्की व भारी दोनों प्रकार की जमीनों में कर सकते हैं।
यह किस्म कम पानी में भी अच्छी पैदावार निकाल के देती है। यह एक ऐसी किस्म है, जिसकी बुवाई आप अगेती और पिछेती दोनों प्रकार से कर सकते हैं।
इसकी पैदावार में कोई खास अंतर देखने को नहीं मिलता। इस किस्म की लंबाई लगभग 101 सेंटीमीटर होती है। यह किस्म अधिक भूसा और पैदावार देने में सक्षम है।
ये भी पढ़ें: गेहूँ की वैज्ञानिक खेती से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी
एचडी 2967 किस्म का तूड़ा भी अच्छा बनता है। इस किस्म की बढ़वार अधिक होती है, जिससे एक एकड़ फसल में अन्य किस्मों से अधिक तूड़ा निकलता है।
तूड़े को सूखे चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है। अगर किसान तूड़े को बेचना चाहता है तो तूड़े के खरीददार भी अधिक होते हैं। अन्य किस्मों के तूड़े से महंगा बिकता है।
किसान को गेंहू की एचडी 2967 किस्म की बुवाई से औसत उपज 50.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा उत्पादन क्षमता 66.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है।
गेहूँ की HD 2967 variety एचडी 2967 किस्म का तूड़ा काफी शानदार बनता है। इस किस्म की बढ़वार काफी अधिक होती है, जिससे एक एकड़ फसल में बाकी किस्मों से अधिक तूड़ा निकलता है।
बतादें, कि तूड़े को सूखे चारे के तौर पर उपयोग किया जाता है। किसान भाई तूड़े को बेच भी सकते हैं। यह काफी ज्यादा महंगा बिकता है।