पीएम आशा योजना 2025: किसानों के लिए पूरी जानकारी

By: tractorchoice Published on: 03-Sep-2025

पीएम आशा योजना 

भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसलिए देश की केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की आय को दोगुना करने का लगातार प्रयास करती आ रही हैं। पीएम आशा योजना भी इन्ही प्रयासों में से एक है। 

यह योजना किसानों को फसल की सही कीमत की गारंटी देती है। ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में आज हम जानेंगे पीएम आशा योजना के बारे में। 

खेती-बाड़ी से जुड़े किसानों के लिए सबसे बड़ी चिंता हमेशा यही रही है, कि फसल का सही और लाभकारी भाव उनको कैसे मिले ? 

पीएम आशा योजना का मुख्य उद्देश्य

किसानों की इसी समस्या को दूर करने के लिए भारत सरकार ने साल 2018 में प्रधानमंत्री-आशा (PM-AASHA) योजना की शुरुआत की। 

इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है, कि किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिल सके और उन्हें बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से किसी नुकसान का सामना ना करना पड़े।

PM-AASHA योजना क्या है ?

PM-AASHA यानी “प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान”। यह योजना तीन प्रमुख घटकों पर आधारित है:-

  1. प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS)
  2. भावांतर भुगतान योजना (PDPS)
  3. प्राइवेट प्रोक्योरमेंट एंड स्टॉकिस्ट स्कीम (PPPS)

इन तीनों के जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसानों को या तो MSP पर फसल बेचने का मौका मिले या बाजार मूल्य और MSP के अंतर की राशि सरकार द्वारा सीधे बैंक खाते में दी जाए।

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पीएम आशा योजना के मुख्य लाभ क्या हैं ?

  1. किसानों को MSP की गारंटी मिलती है।
  2. फसल की बिक्री के बाद पैसा सीधे बैंक खाते में भेजा जाता है।
  3. बाजार मूल्य गिरने पर भी नुकसान नहीं होता।
  4. किसानों को आर्थिक सुरक्षा और खेती में आत्मनिर्भरता मिलती है।
  5. फसल की खरीद प्रक्रिया में निजी क्षेत्र को भी शामिल किया गया है, जिससे विकल्प बढ़ते हैं।

पीएम आशा योजना का कैसे लाभ उठाएं ?

किसानों को पीएम-आशा योजना का लाभ लेने के लिए कुछ आसान से काम करने होते हैं। यह योजना तीन अहम घटकों में बंटी है—

1. प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) 

प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत सरकार निर्धारित MSP पर प्रत्यक्ष खरीद करती है। किसान को बस अपनी उपज का पंजीकरण राज्य सरकार, कृषि मंडी या अधिकृत केंद्र पर कराना होता है। अगर सरकार उस फसल की खरीद कर रही है, तो किसान सीधे सरकारी केंद्र पर बेच सकते हैं।

2. भावांतर भुगतान योजना (PDPS) 

भावांतर भुगतान योजना के तहत अगर किसी फसल की सरकारी खरीद नहीं हो रही, तो भी किसान को MSP और बाजार भाव के अंतर की राशि दी जाती है। हालांकि, इसके लिए किसान को मंडी में फसल बेचने की रसीद प्रस्तुत करनी होगी।

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3. प्राइवेट प्रोक्योरमेंट पायलट स्कीम (PPPS) 

प्राइवेट प्रोक्योरमेंट पायलट स्कीम के तहत कुछ राज्यों में सरकार ने निजी कंपनियों को भी MSP पर खरीद की अनुमति दी है। इससे किसानों के पास सरकारी केंद्र के अलावा भी विकल्प होता है।

आवेदन कैसे करें ?

  1. पंजीकरण जरूरी है – किसान को अपनी फसल का पंजीकरण राज्य सरकार के पोर्टल, कृषि उपज मंडी या अधिकृत केंद्र पर करना होता है।
  2. आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज, बैंक खाता विवरण, और फसल संबंधित विवरण शामिल है।
  3. ऑनलाइन सुविधा: कई राज्य सरकारें फसल पंजीकरण और योजना आवेदन की सुविधा ऑनलाइन पोर्टल या CSC केंद्रों के माध्यम से देती हैं।
  4. बिक्री के बाद: सरकारी खरीद या भावांतर भुगतान के तहत MSP राशि सीधे किसान के बैंक खाते में भेजी जाती है।

पीएम आशा के तहत किस फसल के लिए लाभ मिलता है ?

पीएम आशा योजना खास तौर पर खरीफ और रबी सीजन की उन फसलों के लिए लागू होती है, जिनका MSP केंद्र सरकार द्वारा घोषित किया जाता है। जैसे: गेहूं, धान, बाजरा, चना, तुअर, मूंग, उड़द, सरसों, कपास आदि।


प्रश्न : पीएम आशा योजना क्या है ? 

उत्तर : पीएम आशा का पूरा नाम प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान है, जो भारत सरकार की एक समग्र योजना है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता को नियंत्रित करना है। 

प्रश्न : पीएम आशा योजना के तीन प्रमुख घटक क्या हैं ?

उत्तर :  पीएम-आशा के तीन प्रमुख घटक मूल्य समर्थन योजना (PSS), मूल्य न्यूनता भुगतान योजना (PDPS), और निजी खरीद एवं स्टॉकिस्ट पायलट योजना (PPPS) हैं। 

प्रश्न : पीएम आशा के तीन प्रमुख घटकों के क्या लाभ हैं ?

उत्तर : पीएम आशा के तीन प्रमुख घटक किसानों को उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर उनकी फसलों के लिए अच्छा मूल्य दिलाने में मदद करते हैं। फलस्वरूप, किसानों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित होती है और फसल-कटाई के बाद की संकटपूर्ण बिक्री कम होती है।  

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