पशुपालन विभाग द्वारा जारी सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक से किसानों को होगा डबल मुनाफा

By: tractorchoice Published on: 10-Sep-2025
Veterinarian giving cow vaccine at dairy farm

पशुपालन विभाग ने “सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक” शुरू की है, जिससे कृत्रिम गर्भाधान में 90% तक बछिया पैदा होगी। मात्र ₹100 में मिलने वाली इस सेवा से किसान उन्नत नस्ल की गाय-भैंस पाल सकेंगे। इससे दूध उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय 3-5 साल में कई गुना तक बढ़ सकती है। 

पशुपालन और डेयरी विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने और दूध उत्पादन में सुधार करने के लिए एक नई तकनीक की शुरुआत की है, जिसे “सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक” कहा जाता है। इस तकनीक से कृत्रिम गर्भाधान के दौरान लगभग 90% मादा यानी बछिया पैदा होती हैं। 

सामान्य गर्भाधान से नर और मादा की संभावना बराबर 

आमतौर पर सामान्य गर्भाधान से 50-50 प्रतिशत नर और मादा बच्चे होते हैं, लेकिन इस तकनीक से बछिया पैदा होने की संभावना कहीं ज्यादा है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है, कि किसान उन्नत नस्ल की गाय पाल सकते हैं, जो ज्यादा दूध देती हैं। 

इससे दूध उत्पादन में इजाफा और किसानों की आमदनी तीन से पांच वर्ष में कई गुना तक बढ़ सकती है। खास बात यह है, कि इस तकनीक का खर्च बहुत कम है। 

मात्र ₹100 में किसान इसका लाभ उठा सकते हैं। यही कारण है कि यह तकनीक किसानों के लिए बहुत फायदेमंद और आसान साबित हो रही है। 

सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक क्या है ? (sex shorted seeman technique)

यह तकनीक असल में कृत्रिम गर्भाधान का एक आधुनिक तरीका है। इसमें सीमेन (वीर्य) को इस तरह से तैयार किया जाता है कि उससे पैदा होने वाली संतान में लगभग 90% संभावना मादा यानी बछिया की होती है। इससे किसान अधिक दूध देने वाली गायें-भैंसें पाल सकते हैं। 

आजकल कृषि में नर बछड़े का उपयोग कम होता है और यह अक्सर किसानों पर बोझ बन जाते हैं, इसलिए यह तकनीक किसानों की असली समस्या का समाधान है।

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किसानों के लिए फायदे (benefits of sex shorted seeman)

  • आय में वृद्धि - अधिक दूध उत्पादन से सीधे किसानों की कमाई बढ़ती है। 
  • उन्नत नस्ल की गायें - अच्छे नस्ल की बछिया मिलने से भविष्य में दूध उत्पादन और बेहतर होगा। 
  • कम लागत, ज्यादा फायदा - मात्र ₹100 में यह सुविधा उपलब्ध है, जिससे हर किसान इसका लाभ उठा सकता है।
  • आर्थिक मजबूती - बछिया पैदा होने से पशुपालन टिकाऊ और लाभकारी बनता है। 

गाय भैंस के गर्भाधान की सेवा कैसे प्राप्त करें ? 

किसान अपनी गाय-भैंस के हीट में आने पर नजदीकी पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय, पशु उपकेंद्र या पशु चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, मोबाइल वेटरनरी यूनिट “पशुधन संजीवनी 1962” पर कॉल करके घर पर भी सेवा मंगाई जा सकती है। 

ग्राम पंचायतों में प्रशिक्षित गौ-सेवक, मैत्री कार्यकर्ता और कृत्रिम गर्भाधान करने वाले निजी डॉक्टर भी यह सुविधा किसानों तक पहुंचा रहे हैं।

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सही समय पर कृत्रिम गर्भाधान क्यों जरूरी ?

जब पशु हीट में आता है, तो उसे बांधकर रखना चाहिए। अगर सुबह हीट आती है, तो शाम को गर्भाधान कराना चाहिए। अगर रात में हीट आती है, तो अगले दिन सुबह से दोपहर तक गर्भाधान करवाना आवश्यक है। 

समय पर गर्भाधान कराने से तकनीक का अधिकतम लाभ मिलता है और बछिया पैदा होने की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है। 

यह तकनीक क्यों जरूरी है ? 

पहले की सामान्य तकनीक से उत्पन्न हुए नर बछड़े किसानों के लिए ज्यादा उपयोगी नहीं होते थे और अक्सर बोझ साबित होते थे। दूसरी तरफ बछिया पालने से दूध उत्पादन में बढ़ोतरी और किसानों को नियमित आय मिलती है। 

इस तकनीक से ना सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि देश में दूध उत्पादन भी काफी बड़े पैमाने पर बढ़ेगा। 


प्रश्न : सेक्स शॉटेड सीमन तकनीक से किसानों को क्या फायदा होता है ?

उत्तर : पशुपालन और डेयरी विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने और दूध उत्पादन में सुधार करने के लिए एक नई तकनीक की शुरुआत की है, जिसे “सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक” कहा जाता है। इस तकनीक से कृत्रिम गर्भाधान के दौरान लगभग 90% मादा यानी बछिया पैदा होती हैं। 

प्रश्न : किसानों को सेक्स शॉटेड सीमन तकनीक की सेवा कितने रूपये में मिलेगी ?

उत्तर : सेक्स शॉटेड सीमन की सेवा आपको मात्र ₹100 में मिलेगी, जिससे किसान उन्नत नस्ल की गाय-भैंस पाल सकेंगे। 

प्रश्न : सेक्स शॉटेड सीमन तकनीक क्यों जरूरी है ?

उत्तर : पहले की सामान्य तकनीक से उत्पन्न हुए नर बछड़े किसानों के लिए ज्यादा उपयोगी नहीं होते थे और अक्सर बोझ साबित होते थे। दूसरी तरफ बछिया पालने से दूध उत्पादन में बढ़ोतरी और किसानों को नियमित आय मिलती है।

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