भारतीय किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार की तरफ से विभिन्न प्रकार की योजनाएं जारी की जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भी है।
यह योजना किसानों की फसलों के लिए एक सुरक्षा कवच मानी जाती है। पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान होने पर मुआवजा हांसिल कर सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को फसल कटाई के बाद भी अगर नुकसान होता है, तो वे उसका बीमा क्लेम हांसिल कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनको समय पर इसकी सूचना संबंधित विभाग या पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार, जिला परिषद, सरदार मल यादव ने जानकारी दी कि प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, चक्रवात, जलभराव, असमय वर्षा आदि से फसल कटाई के बाद भी यदि नुकसान होता है तो बीमित किसानों को व्यक्तिगत क्षति के आधार पर मुआवजा प्रदान किया जाता है।
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सरदार मल यादव ने बताया कि अगर कटाई के 14 दिन के अंदर फसल को नुकसान होता है, तो किसानों को व्यक्तिगत सर्वेक्षण के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। यह व्यवस्था प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दिशा-निर्देशों के मुताबिक लागू की गई है।
किसान को फसल नुकसान की स्थिति में 72 घंटे के अंदर कृषि रक्षक पोर्टल (भारत सरकार द्वारा संचालित), हेल्पलाइन नंबर 14447 पर कॉल करके, संबंधित बैंक शाखा में लिखित सूचना, कृषि विभाग के अधिकारी, पटवारी, बीमा प्रतिनिधि, तहसील कार्यालय में सूचना देनी होती है।
इसके लिए किसान को हानि या नुकसान प्रपत्र भरकर कृषि कार्यालय में जमा करना पड़ता है। अगर निर्धारित समय सीमा के अंदर सूचना नहीं दी जाती है, तो किसान बीमा क्लेम का फायदा नहीं उठा पाएंगे।
किसान की तरफ से सूचना प्राप्त होने के बाद बीमा कंपनी कृषि विभाग के सहयोग से व्यक्तिगत स्तर पर सर्वे करती है। इसके लिए बीमा एजेंट या सर्वे टीम किसान की खेत पर जाकर फसल नुकसान का मूल्यांकन करती है और फिर नुकसान के आधार पर नियमानुसार बीमा क्लेम की धनराशि सीधे किसान के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है।
कृषि विभाग ने अपने फील्ड स्टाफ और बीमा प्रतिनिधियों को निर्देशित किया है कि वे किसानों से प्राप्त सूचना पर तत्काल कार्रवाई करें और फसल हानि के सर्वे को प्राथमिकता पर पूरा करें।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत सरकार द्वारा 2016 में शुरू की गई एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट प्रकोप, रोग और असामयिक वर्षा से फसल हानि की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत बहुत ही कम प्रीमियम दर पर फसलो का बीमा किया जाता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा 2% की दर से और रबी के लिए 1.5% की दर से बीमा प्रीमियम लिया जाता है। शेष राशि प्रीमियम सरकार की ओर से वहन किया जाता है।
इस योजना के तहत फसल नुकसान पर सीधा बीमा क्लेम का सीधा भुगतान किसान के खाते में किया जाता है। वहीं कटाई के बाद के नुकसान पर भी बीमा क्लेम देने का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत असमय बारिश, ओलावृष्टि, चक्रवात/आंधी, जलभराव और तेज हवा से फसल का गिरना या नष्ट होना से हुए नुकसान को शामिल किया गया है। इन प्राकृतिक आपदाओं से फसल को नुकसान होने पर मुआवजा दिए जाता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले आर्थिक संकट से उबारने की एक मजबूत योजना है।
अब इस योजना में कटाई के बाद के नुकसान को भी शामिल किया गया है, जिससे किसानों को और अधिक सुरक्षा मिलती है।
किसानों से आग्रह है कि यदि उनकी फसल को कोई नुकसान हुआ है तो 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट करें ताकि बीमा क्लेम की प्रक्रिया समय पर शुरू हो सके। सूचना देना जितना जल्दी होगा, भुगतान उतनी ही जल्दी होगा।
प्रश्न : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है ?
उत्तर : 2016 में शुरू हुई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत सरकार की एक बीमा योजना है।
प्रश्न : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या उद्देश्य है ?
उत्तर : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत सरकार द्वारा 2016 में शुरू की गई एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट प्रकोप, रोग और असामयिक वर्षा से फसल हानि की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
प्रश्न : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किन प्राकृतिक आपदाओं को कवर किया जाएगा ?
उत्तर : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत असमय बारिश, ओलावृष्टि, चक्रवात/आंधी, जलभराव और तेज हवा से फसल का गिरना या नष्ट होना से हुए नुकसान को शामिल किया गया है।