भारत में बाढ़ से फसलें बर्बाद | सरकार देगी किसानों को राहत

By: tractorchoice Published on: 08-Sep-2025

भारत के अलग अलग राज्यों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। भारी बारिश की वजह से किसानों को काफी ज्यादा हानि का सामना करना  पड़ रहा है। 

किसानों की लाखों हैक्टेयर में खड़ी फसलें चौपट हो गई हैं। बाढ़ की चपेट में आने से कई कृषि प्रधान राज्यों में काफी ज्यादा नुकसान देखने को मिला है।  

भारत के अंदर काफी बड़े पैमाने पर लोग खेती के साथ साथ बड़े पैमाने पर पशुपालन करते हैं। बहुत लोग केवल कृषि या फिर केवल पशुपालन पर आश्रित होते हैं। 

बाढ़ के चलते कृषि के साथ साथ पशुओं की भी काफी बड़े पैमाने पर हानि हुई है। ऐसे में किसानों को काफी ज्यादा नुकसान से गुजरना पड़ रहा है। 

महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख कृषि राज्यों में लाखों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।

इस संकट से किसानों की चिंता बढ़ गई है, लेकिन राहत की बात यह है, कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को तत्काल मुआवजा देने के लिए सक्रिय हो गई हैं। 

अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात की समीक्षा की है और किसानों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया है। 

महाराष्ट्र में बाढ़ ने मचाई भारी तबाही 

महाराष्ट्र में हुई मूसलाधार बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रखदी है। महाराष्ट्र के कृषि मंत्री के अनुसार, अगस्त के मध्य से अब तक 29 जिलों में 14.44 लाख हेक्टेयर फसलें जलमग्न होकर बर्बाद हो चुकी हैं। 

191 तहसीलों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज हुई, जिससे 654 राजस्व मंडलों की खरीफ फसलें प्रभावित हुईं। सबसे ज्यादा नुकसान 15 से 20 अगस्त के बीच हुआ, जब मानसून अपनी चरम सीमा पर था। 

इस दौरान नांदेड़ (6.20 लाख हेक्टेयर), वाशिम और यवतमाल (1.64-1.64 लाख हेक्टेयर), धाराशिव (1.50 लाख हेक्टेयर), बुलढाणा, सोलापुर, अकोला और हिंगोली जिलों में व्यापक नुकसान देखने को मिला है। 

इससे सोयाबीन, कपास, मक्का, उड़द, मूंग, तुअर, बाजरा, गन्ना, सब्जियां, फल, प्याज, ज्वार और हल्दी की फसलों को हानि हुई है। 

इधर राज्य सरकार ने पंचनामा की प्रक्रिया को तेज कर दिया है और वादा किया है कि एक भी किसान को मुआवजे से वंचित नहीं रखा जाएगा। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री की निगरानी में यह राहत प्रक्रिया जारी है। 

पंजाब में कृषि मंत्री ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया 

पंजाब के अमृतसर, कपूरथला और गुरदासपुर जिलों में बाढ़ से काफी व्यापक तौर पर तबाही हुई है। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर किसानों से संवाद किया और जलभराव से हुई फसल बर्बादी का जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि रावी नदी के पानी से तकरीबन 1,400 गांव प्रभावित हैं और फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “यह संकट भयानक है, अगली फसल पर भी खतरा मंडरा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार पंजाब के किसानों के साथ खड़ी है।” 

प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने दो उच्चस्तरीय टीमें पंजाब भेजी हैं, जो स्थिति का आकलन कर जल्द रिपोर्ट सौंपेंगी। कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि पंजाब हमेशा देश के लिए ढाल रहा है और इस बार देश उसके साथ है।

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी ने दिया किसानों को समय पर बीमा लाभ दिलाने का निर्देश

उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ के सबसे ज्यादा गंभीर हालात हैं। राज्य के 43 जनपद बाढ़ से प्रभावित रहे हैं, जिनमें गोरखपुर, प्रयागराज, बलिया, कानपुर, लखीमपुर खीरी, मऊ, वाराणसी समेत कई जिलों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फसल बीमा योजना का लाभ प्रभावित किसानों को तत्काल दिया जाए। 

उन्होंने अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं, ताकि जनता को सही और समय पर जानकारी मिल सके।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया है, कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में संयुक्त टीमों द्वारा त्वरित सर्वेक्षण किया जाए और मुआवजे की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए। 

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि रबी फसलों के बीज (गेहूं, चना, मसूर, सरसों आदि) 25 अक्टूबर तक सभी सरकारी भंडारों में किसानों को उपलब्ध कराए जाएं। खास तौर से दलहन और तिलहन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए अधिकारियों को गंभीर प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।

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सरकारें सक्रिय लेकिन चुनौतियां अभी बाकी

भारत के कृषि क्षेत्र को इस साल मानसून की मार ने एक बार फिर संकट में डाल दिया है। महाराष्ट्र, पंजाब और यूपी में लाखों किसान बाढ़ और बारिश से बर्बाद फसलों की चिंता में हैं। 

हालांकि, सरकारें मुआवजे और बीमा लाभ देने के लिए तत्पर हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर राहत पहुंचाने के लिए तेज और पारदर्शी कार्रवाई की आवश्यकता है। 

अगर राहत कार्य सही ढंग से और समय पर लागू हुए, तो यह संकट किसानों के लिए स्थायी नुकसान में न बदलकर राहत और पुनर्निर्माण का अवसर बन सकता है।


प्रश्न : महाराष्ट्र में कितने हैक्टेयर खेती बर्बाद हो चुकी है ?

उत्तर : महाराष्ट्र के कृषि मंत्री के अनुसार, अगस्त के मध्य से अब तक 29 जिलों में 14.44 लाख हेक्टेयर फसलें जलमग्न होकर बर्बाद हो चुकी हैं।

प्रश्न : उत्तर प्रदेश के कितने जिलों में फसल को भारी नुकसान हुआ है ?

उत्तर : उत्तर प्रदेश के 43 जनपद बाढ़ से प्रभावित रहे हैं, जिनमें गोरखपुर, प्रयागराज, बलिया, कानपुर, लखीमपुर खीरी, मऊ, वाराणसी समेत कई जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

प्रश्न : बाढ़ ने पंजाब के कितने जिलों को नुकसान पहुँचाया है ? 

उत्तर : बाढ़ से पंजाब में अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है और तीन लोग लापता हैं। राज्य के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे 1948 गांव प्रभावित हुए हैं। करीब 3,84,000 लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 21,929 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

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