जैसा की आप सभी जानते है देश भर में डेयरी का काम बहुत जोरों से किया जा रहा है। दुग्ध उत्पादन के अलावा बहुत से किसान इससे आर्थिक लाभ भी कमा रहे है।
कृषि के अलावा सरकार द्वारा पशुपालन को भी काफी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा पशुपालन पर सरकार द्वारा किसानों को सब्सीडी प्रदान की जा रही है, जिसमे गाय की मुख्य नस्लों के पालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
पशुपालन के अंतर्गत किसानों को अधिक दुग्ध उत्पादन हेतु गाय की उच्च नस्लों के पालन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पशुपालन कर किसान आर्थिक लाभ उठा सकता है।
गाय की ऐसी बहुत सी नस्लें है, जो अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती है। आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे गाय की प्रमुख नस्लों के बारे में। गाय की इन प्रमुख नस्लों का पालन कर किसान भारी मुनाफा उठा सकता है।
गाय की यह नस्ल ज्यादातर हरियाणा , केरल, पंजाब, ओड़िसा और कर्नाटक में पायी जाती है। व्यवसाय के तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के किसान भी इस नस्ल की गाय का पालन कर रहे है।
इस नस्ल की गाय की दूध देने की क्षमता प्रतिदिन 15 से 20 लीटर है। गाय का ख़ास ख्याल रखा जाए तो इसके दूध देने की क्षमता में भी वृद्धि की जा सकती है।
लाल सिंधी गाय की यह नस्ल मुख्यत: सिंध के इलाकों में पायी जाती है। गाय के शरीर का रंग गहरा लाल होता है और इसकी ऊंचाई मध्यम होती है।
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गाय की त्वचा ढीली होती है इसके अलावा इसके पैर काफी छोटे होते है और माथा आगे से चौड़ा और सींघ मोटे होते है। इस नस्ल की गाय की पुँछ लम्बी होती है। यह गाय सभी प्रकार की जलववायु को सहन करने की क्षमता रखती है।
लाल सिंधी गाय की नस्ल की एक खासियत है इसे बीमारी बहुत कम लगती है इसके अलावा इस गाय की कीमत इसकी उम्र और दूध देने की क्षमता के आधार पर तय की गई है। लाल सिंधी गाय की कीमत 15000 से 80000 रुपए तक है।
डेयरी जैसे व्यवसाय और अधिक दूध उत्पादन के लिए इस गाय को बहुत जगहों पर पाले जाने लगा है। गाय की यह नस्ल ज्यादातर गुजरात के गिर जंगलों में देखने को मिलती है।
गाय की दूध देने की क्षमता लाल सिंधी गाय की नस्ल से काफी कम है। यह गाय प्रतिदिन 12 से 20 लीटर दूध देती है। अच्छे से देखभाल करने पर गाय की दूध देने की क्षमता में वृद्धि की जा सकती है।
गाय की गिर नस्ल को भारतीय मूल की देशी नस्ल माना जाता है। गाय की यह नस्ल गुजरात के दक्षिण काठियावाड़ इलाकों में पायी जाती है।
गाय की इस नस्ल को अलग अलग नामो से भी जाना जाता है जैसे : सोरठी, देसन, गुजराती काठियावाड़ी और सूरती। गाय के शरीर का रंग लाल होता है और थनो की लम्बाई काफी अधिक होती है।
गाय की इस नस्ल का पालन कर किसान लाभ उठा सकते है। बाजार में इस गाय की कीमत 20000 से लेकर 25000 तक है।
गाय की यह नस्ल भी गाय की देशी नस्लों में से एक है। साहिवाल गाय की नस्ल का रंग गहरा होता है , गाय की चमड़ी ढीली होती है। इसके अलावा गाय के सींग और सिर काफी छोटा होता है।
साहिवाल गाय की नस्ल को दुग्ध उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। गाय का मूल उद्गम स्थल पाकिस्तान को माना जाता है, लेकिन यह भारत में ज्यादातर पायी जाती है।
गाय की यह नस्ल सभी जलवायु को सहन करने की क्षमता रखती है। गाय का शरीर लंबा और गठीला होता है। साहीवाल गाय उत्तरप्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में देखने को मिलती है।
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गाय के दूध देने की क्षमता 10 से 15 लीटर है। गाय की इस नस्ल को कम जगह में भी आसानी से पाला जा सकता है। यह गाय दिखने में गहरे भूरे रंग की होती है। बाजार में गाय की कीमत 70000 से 75000 तक है।
कांकरेज गाय की नस्ल का आकर काफी बड़ा होता है, गाय के सींग काफी लम्बे होते है। यह गाय ज्यादातर हल्के भूरे और स्लेटी रंग में पायी जाती है। गाय की कान बड़े और नीचे की ओर लटके हुए रहते है।
कांकरेज गाय की नाक ऊपर की तरफ उठी हुई और मुँह छोटा होता है। शरीर पर मौजूद बाल काफी मुलायम होते है। गाय की यह नस्ल गुजरात के बनासकांठा जिले में पायी जाती है।
गाय की इस नस्ल को बहुत कम बीमारी होती है। यह गाय उच्च मात्रा में भी तापमान को सहन कर लेती है। गाय की यह नस्ल प्रतिदिन 8 से 10 लीटर दूध देती है।
गाय की इस नस्ल को अच्छे दुग्ध उत्पादन के लिए जाना जाता है। यह गाय एक ब्यात में 1800 लीटर दूध देती है। गाय की कीमत 80000 से 100000 लाख तक है। साथ ही इस नस्ल की गाय के दूध में 4.8% वसा पायी जाती है।
गाय की इस नस्ल को भारतीय गायों की नस्ल के रूप में जाना जाता है। गाय का माथा आगे से चौड़ा और सिर आगे से छोटा होता है।
गाय के शरीर का रंग सफ़ेद होता है और इसकी पीठ पर स्लेटी रंग की धारियां बनी हुई होती है। गाय के कान लम्बे और पूंछ पतली और लम्बी होती है।
यह गाय राजस्थान के जोधपुर और जैसलमेर इलाकों में पायी जाती है। गाय के दूध देने की क्षमता 12 से 15 लीटर है। प्रत्येक ब्यांत में यह गाय 1600 से 2500 लीटर दूध देती है। बाजार में गाय की कीमत 40000 से 50000 तक होती है। गाय की इस नस्ल के दूध में 4.88 % वसा पायी जाती है।