भारत की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है। खेती केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि जीवनशैली और परंपरा है। किसानों की मेहनत से ही देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व नकली बीज, खाद और कीटनाशक बेचकर न सिर्फ किसानों की मेहनत को बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि उनकी आजीविका को भी खतरे में डाल रहे हैं।
सरकार ने किसानों को जागरूक करने और उन्हें सतर्क करने के लिए एक सशक्त अभियान की शुरुआत की है, जिसमें स्पष्ट संदेश है - "उन्हें नजरअंदाज ना करें।" नकली उत्पादों की सूचना तुरंत किसान कॉल सेंटर पर दर्ज कराएं और सुरक्षित खेती सुनिश्चित करें।
किसानों को अच्छी पैदावार के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज, खाद और कीटनाशकों की आवश्यकता होती है। लेकिन जब ये सामग्री नकली होती है, तो फसलें नष्ट हो जाती हैं या अपेक्षित पैदावार नहीं देतीं। किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। भूमि की उपजाऊ शक्ति पर भी बुरा असर पड़ता है।
कभी-कभी खाद और कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से मिट्टी और जल स्रोत प्रदूषित हो जाते हैं। यह समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक गंभीर होती है, जहां किसानों के पास नकली और असली उत्पादों की पहचान के साधन सीमित होते हैं।
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किसानों की सुरक्षा के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक किसान कॉल सेंटर (Kisan Call Center) शुरू किया है। यदि किसी किसान को नकली बीज, खाद या कीटनाशक के बारे में कोई जानकारी मिले, तो वह तत्काल इस केंद्र पर शिकायत दर्ज कर सकता है।
यह संदेश केवल एक विज्ञापन नहीं, बल्कि चेतावनी है। सरकार, विशेषज्ञ और कृषि विभाग मिलकर तब ही किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, जब किसान स्वयं जागरुक और सतर्क रहें। नकली उत्पादों से लड़ाई में प्रत्येक किसान की भागीदारी जरूरी है। एक कॉल, एक रिपोर्ट, कई किसानों की मेहनत बचा सकती है।
प्रश्न : नकली खाद, बीज और कीटनाशक से बचाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाया है ?
उत्तर : नकली खाद, बीज और कीटनाशक किसानों की फसलों को बर्बाद कर देते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है और शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 जारी किया है।
प्रश्न : नकली खाद और कीटनाशक की बाजार में बिक्री के नुकसान क्या हैं ?
उत्तर : कुछ असामाजिक तत्व नकली बीज, खाद और कीटनाशक बेचकर न सिर्फ किसानों की मेहनत को बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि उनकी आजीविका को भी खतरे में डाल रहे हैं।
प्रश्न : किसानों के लिए सरकार की इस चेतावनी की क्या वजह है ?
उत्तर : यह संदेश केवल एक विज्ञापन नहीं, बल्कि चेतावनी है। सरकार, विशेषज्ञ और कृषि विभाग मिलकर तब ही किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, जब किसान स्वयं जागरुक और सतर्क रहें।