भारत के अलग-अलग राज्यों में किसान बड़े पैमाने पर अलग अलग फसलों का उत्पादन कर सकते हैं। भारतीय कृषि बाजार में ट्रैक्टर एक बेहद महत्वपूर्ण कृषि यंत्र है, जो किसानों को समय पर उनके कृषि कार्यों को संपन्न करने में मदद करता है। अब ऐसे में हर एक किसान को अपने कृषि कार्य हेतु निजी ट्रैक्टर के साथ साथ कृषि उपकरणों की भी जरूरत होती है।
भारतीय कृषि को सुगम बनाने के लिए कृषि उपकरण के क्षेत्र में रोज नए आविष्कार हो रहे हैं। ऐसे में सरकार के द्वारा समय के साथ साथ खेती में आधुनिक मशीनीकरण को काफी बढ़ावा मिला है। मोहन सरकार खेती में उपयोग होने वाले 3 आधुनिक कृषि यंत्रों पर अनुदान प्रदान कर रही है। इसके लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय ने आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राज्य के सभी जिलों के किसानों के लिए ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर 3 प्रमुख कृषि यंत्रों हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। सरकार का उद्देश्य आधुनिक कृषि उपकरणों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाना है। इन यंत्रों की सहायता से किसानों को जुताई, बीज बोने और फसल प्रसंस्करण के काम में काफी सुविधा मिल सकेगी।
कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय भोपाल (मध्यप्रदेश) की ओर से जिन 3 कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। इन सभी यंत्रों पर किसानों को सरकारी अनुदान (सब्सिडी) उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना प्रदेश के सभी जिलों के किसानों के लिए लागू की गई है।
ये भी पढ़े: मध्यप्रदेश सरकार की कृषि यंत्र अनुदान योजना की जानकारी
कृषि यंत्रों के लिए आवेदन 1 नवंबर 2025 से 11 नवंबर 2025 तक किए जा सकते हैं। किसानों को आवेदन ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर ऑनलाइन करना होगा। संचालनालय ने स्पष्ट किया है कि प्राप्त आवेदनों के आधार पर ही लक्ष्य निर्धारण किया जाएगा। इसलिए जो किसान समय पर आवेदन करेंगे, उन्हें चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी।
आवेदन के साथ किसानों को धरोहर राशि के रूप में डिमांड ड्राफ्ट (DD) जमा करना अनिवार्य किया गया है। यह डीडी किसान के स्वयं के बैंक खाते से बनाई जानी चाहिए और संबंधित जिले के सहायक कृषि यंत्री के नाम से देय होगी। धरोहर राशि के बिना किए गए आवेदन मान्य नहीं माने जाएंगे। किस कृषि यंत्र के लिए कितनी राशि का डिमांड ड्राफ्ट बनवाना है उसका विवरण इस प्रकार से है।
ये भी पढ़े: टॉप 9 कृषि यंत्रों पर सरकारी सब्सिडी | किसानों के लिए भारी छूट 2025
इन आधुनिक यंत्रों के उपयोग से किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी और श्रम व लागत दोनों में कमी आएगी। रेज्ड बेड प्लांटर से खेतों में बीजों की समान गहराई और उचित दूरी सुनिश्चित होती है, जिससे फसल बेहतर उगती है। ग्राउंड नट डिकार्टीकेटर मूंगफली के छिलके को शक्तिचालित तरीके से अलग करता है, जिससे दानों की गुणवत्ता बनी रहती है और समय की बचत होती है। वहीं डी-स्टोनर या ग्रेडिएंट सेपरेटर अनाज या बीजों से पत्थर और मिट्टी को अलग करने में मदद करता है, जिससे साफ और उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद मिलता है।
कृषि अभियांत्रिकी विभाग की ओर से चलाई जा रही ई–कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत आवेदन करते समय किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं:-
ई–कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत प्रदेश के किसानों को इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पोर्टल dbt.mpdage.org पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन की अंतिम तारीख 11 नवंबर 2025 है। ऐसे में किसान 11 नवंबर 2025 से पहले आवेदन करें और सब्सिडी का लाभ उठाएं।
योजना व आवेदन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान भाई अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा योजना की अधिकारिक वेबसाइट पर भी विजिट करके जानकारी ले सकते हैं।
प्रश्न: ई–कृषि यंत्र अनुदान योजना किस राज्य में लागू की गई है ?
उत्तर: मध्य प्रदेश
प्रश्न: इस योजना को कौन-सा विभाग संचालित कर रहा है ?
उत्तर: कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय
प्रश्न: इस योजना के तहत किसानों को कितने कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है ?
उत्तर: 3 कृषि यंत्र
प्रश्न: योजना के तहत आवेदन की तिथि क्या निर्धारित की गई है ?
उत्तर: 1 नवंबर से 11 नवंबर 2025
प्रश्न: किस कृषि यंत्र पर ₹6,000 का डिमांड ड्राफ्ट बनवाना आवश्यक है ?
उत्तर: रेज्ड बेड प्लांटर विथ इन्कलाइंड प्लेट प्लांटर एंड शेपर