एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कपास बेचने के इच्छुक किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन अब अनिवार्य हो गया है। कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) ने कपास खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 तय की है।
महाराष्ट्र सहित पूरे देश में किसान “कपास किसान (Kapas Farmers)” ऐप के जरिए तेजी से पंजीकरण कर रहे हैं। अब तक महाराष्ट्र से करीब 7 लाख और देशभर से लगभग 41 लाख किसान रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, जिससे एमएसपी के प्रति किसानों की बढ़ती रुचि साफ दिखाई देती है।
अमेरिका के साथ टैरिफ तनाव के बाद भारत सरकार द्वारा कॉटन इंपोर्ट ड्यूटी हटाए जाने से घरेलू बाजार में कपास के दाम गिर गए थे। ऐसे में एमएसपी ही किसानों के लिए सबसे बड़ा सहारा बनकर सामने आया है।
इस साल लंबे स्टेपल ग्रेड कपास का एमएसपी 8,110 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है, जबकि ओपन मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इंपोर्ट टैरिफ भी 31 दिसंबर तक हटाया गया है, जिससे बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।
सीसीआई द्वारा खरीद बढ़ाए जाने से निजी बाजारों में भी कपास के रेट में कुछ सुधार देखने को मिला है। जहां शुरुआत में कीमत करीब 6,800 रुपए प्रति क्विंटल थी, वहीं अब कई मंडियों में यह 7,400 रुपए के आसपास पहुंच गई है।
हालांकि निजी व्यापारी अक्सर ग्रेड कम बताकर कीमत घटा देते हैं, लेकिन एमएसपी का विकल्प मिलने से किसानों को बेहतर दाम मिल रहे हैं। अब तक सीसीआई ने महाराष्ट्र में लगभग 5 लाख बेल और देशभर में करीब 27 लाख बेल कपास की खरीद की है।
एमएसपी पर कपास बेचने के लिए “Kapas Farmers” ऐप पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है, जिसमें आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, व्यक्तिगत विवरण और जमीन व फसल की जानकारी भरनी होती है।
रजिस्ट्रेशन के बाद स्थानीय APMC या कृषि विभाग द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाता है और फिर किसान स्लॉट बुक कर खरीद केंद्र पर कपास बेच सकते हैं। किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि बिना ऐप रजिस्ट्रेशन एमएसपी का लाभ नहीं मिलेगा और 31 दिसंबर 2025 से पहले यह प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है।
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