हिमाचल दूध प्रोत्साहन योजना 2025: किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी

By: tractorchoice Published on: 07-Oct-2025

हिमाचल सरकार में दूध क्रांति

हिमाचल प्रदेश सरकार ने 'दूध प्रोत्साहन योजना' शुरू की, जिसमें किसानों को ₹3 प्रति लीटर प्रोत्साहन और ₹3 प्रति लीटर परिवहन सब्सिडी मिलेगी। आइए जानते हैं, कि यह योजना कैसे किसानों की आमदनी बढ़ाएगी।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने अभियान चलाकर दूध समितियों का गठन शुरू किया था। अब तक 320 दुग्ध सहकारी समितियों का गठन हो चुका है। सरकार का लक्ष्य है, कि हर ग्राम पंचायत में एक समिति बनाई जाए जहाँ दूध उत्पादन की अच्छी संभावनाएं हैं।

अर्की में खुलेगा नया दूध प्रोसेसिंग प्लांट

मुख्यमंत्री ने अर्की में एक नया दूध प्रसंस्करण यूनिट (Milk Processing Unit) खोलने की घोषणा की है, जिससे स्थानीय स्तर पर दूध का बेहतर उपयोग और मूल्य संवर्धन हो सकेगा।

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ट्रक ऑपरेटरों के लिए भी राहत

राज्य सरकार डीजल ट्रकों को इलेक्ट्रिक ट्रकों में बदलने के लिए 40% सब्सिडी देने की योजना पर भी काम कर रही है। यह योजना खासकर डरलगाट और बरमाणा के ट्रक ऑपरेटरों के लिए लाभदायक होगी।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मकई, गेहूं, जौ और कच्ची हल्दी भी खरीद रही है। इसके साथ ही गौमूत्र ₹3 प्रति किलो दर पर खरीदा जा रहा है, जो जैविक खेती को बढ़ावा देगा।

पशु चिकित्सा सेवाएं अब आपके दरवाजे तक

कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि अब अगर किसान पशु चिकित्सालय नहीं जा सकते तो डॉक्टर खुद किसानों के पास जाकर पशुओं का इलाज करेंगे। इसके लिए 3-4 पंचायतों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया जाएगा।

महिलाओं को मिला सशक्तिकरण का अवसर

कमधेनु समितियों की महिला सदस्य अब आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। सरकार ने अर्की में राजीव गांधी वन सम्वर्धन योजना के तहत 8 स्वयं सहायता समूहों को ₹28.80 लाख और 10 प्रगतिशील दुग्ध उत्पादकों को ₹34.20 लाख की सहायता दी।

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आने वाले समय में और योजनाएं

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, “आज यह सिर्फ शुरुआत है, आगे किसानों को और भी ज्यादा लाभ मिलेगा। मैं खुद गांव से हूं, किसानों की तकलीफों को अच्छी तरह समझता हूं।” सरकार एक नई योजना पर भी काम कर रही है जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।

हिमाचल सरकार की ये नई योजनाएं राज्य के दुग्ध उत्पादकों, ट्रक ऑपरेटरों और ग्रामीण समुदाय के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर आई हैं। इन पहलों से ना केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश में दूध उद्योग को भी नया जीवन मिलेगा।

डेयरी फार्मिंग करने से पहले इन बातों का रखें ख्याल

छोटी डेयरी या बड़ी डेयरी ?

बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि डेयरी फार्मिंग की शुरुआत किस तरीके से करें। कहने का मतलब है कि बड़े फार्म के साथ करें या शुरुआत में थोड़ा निवेश करें। आपको बता दें कि किसी भी बिजनेस में उतरने से पहले मार्केट स्टडी करना जरूरी है। 

सबसे पहले आपको बाजार में पकड़ बनानी होगी. अगर आपके क्षेत्रीय बाजारों में पहले से डेयरी फार्मिंग करने वाले लोग हैं तो निश्चित तौर पर मांग कम होगी। 

अगर क्षेत्र में दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स की मांग भरपूर है तो आप मीडियम साइज की डेयरी शुरू करें. आइए कुछ टिप्स जान लेते हैं।

सबसे पहले बाजार में दूध की उपलब्धता और मांग के बारे में जानिए

शुरुआत में 5-10 गाय-भैंस पालें, अगर 5 दूध देती हैं और 5 गाभिन हैं तो सालभर दूध मिलेगा। अगर क्षेत्र में दूध के साथ दूध से बनने वाली चीजें भी बिक रही हैं तो एक यूनिट भी लगाएं। मिल्क प्रोसेस यूनिट लगाकर डेयरी प्रोडक्ट्स बनाकर बिक्री करें, अच्छी कमाई होगी। अगर लाभ देखने को मिलता है तो धीरे-धीरे पशुओं की संख्या बढ़ाएं और बिजनेस बड़ा करें। 



प्रश्न : हिमाचल प्रदेश सरकार दूध पर कितने रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है ?

उत्तर :  हिमाचल प्रदेश सरकार दूध पर 3 रूपये और परिवहन पर 3 रूपये सब्सिड़ी प्रदान कर रही है।

प्रश्न : हिमाचल प्रदेश सरकार का राज्य में दुग्ध क्रांति का क्या लक्ष्य है ?

उत्तर : हिमाचल प्रदेश सरकार का लक्ष्य है, कि हर ग्राम पंचायत में एक समिति बनाई जाए जहाँ दूध उत्पादन की अच्छी संभावनाएं मौजूद हैं।

प्रश्न : डेयरी खोलने के समय किस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए ?

उत्तर : डेयरी खोलने के शुरुआत में 5-10 गाय-भैंस पालें, अगर 5 दूध देती हैं और 5 गाभिन हैं तो सालभर दूध मिलेगा। फायदा होने पर पशुओं की संख्या बढ़ा लें।

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