राज्य सरकार ने किसानों की आमदनी को बेहतर करने और कृषि क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई कवायद शुरू की है।
राज्य में पहली बार 'ब्याज अनुदान योजना 2024-25' के तहत किसानों को लंबे समय तक चलने वाले एग्री और गैर-एग्री लोन पर आकर्षक ब्याज अनुदान का लाभ दिया जाएगा।
राज्य सरकार की इस नवीन योजना के अंतर्गत कृषकों को 7% प्रतिशत ब्याज अनुदान देती है।
वहीं, गैर-कृषि ऋण पर 5% प्रतिशत तक ब्याज अनुदान देती है, जिससे किसान भाइयों को अपना ऋण चुकाने में काफी सहूलियत मिलती है।
साथ ही, कृषकों की आमदनी में भी निश्चित रूप से वृद्धि होती है।
राज्य सरकार की इस कल्याणकारी योजना का मकसद कृषकों को समय पर कर्ज चुकाने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें अधिकतम वित्तीय सहयोग मुहैया कराना है।
राज्य सरकार ने इस योजना के अंतर्गत कुल 39.75 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। किसानों को इस बार 7% प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा,
जो कि समय पर कर्जा चुकाने वाले किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है। यानी कि किसान अब 4% प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान कर सकेंगे।
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ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत जो किसान सहकारिता बैंकों से कृषि और गैर-कृषि कर्ज लेते हैं और समय पर अपनी किस्तें चुकाते हैं,
उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। अगर हम उदाहरण के तौर पर समझें तो यदि कोई किसान इस वर्ष 10 लाख रुपये का एग्री लोन लेता है
और उसे नियमित चुकाता है, तो उसे 7% ब्याज अनुदान के रूप में 68,231 रुपये की छूट मिलेगी।
इसी तरह, गैर-एग्री लोन के लिए भी 5% ब्याज अनुदान का प्रावधान किया गया है, जिससे किसानों को लगभग आधा ब्याज ही देना पड़ेगा।
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एग्री लोन के अंतर्गत किसान कृषि कार्यों जैसे पम्पसैट, ड्रिप सिंचाई, ट्रैक्टर, कृषि यंत्र, डेयरी, भेड़-बकरी पालन, मधुमक्खी पालन जैसे विभिन्न कार्यों के लिए ऋण ले सकते हैं।
वहीं गैर-एग्री लोन में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग, स्वास्थ्य सेवा, उच्च शिक्षा और खेत पर आवास निर्माण के लिए भी लोन का प्रावधान है।
इस योजना के माध्यम से राजस्थान सरकार का उद्देश्य न केवल किसानों को वित्तीय मदद प्रदान करना है। साथ ही, किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और कृषि क्षेत्र में सतत विकास को प्रोत्साहित करना है।