जॉन डीयर की पुणे वर्क्स इकाई ने भारत में अपने दस लाखवें ट्रैक्टर के उत्पादन के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस गौरवशाली क्षण के लिए दो दशकों से भी अधिक समय तक समर्पण, नवाचार और टीम वर्क की आवश्यकता थी। यह जॉन डीरे के भारतीय किसानों के साथ मज़बूत जुड़ाव और भारत के बढ़ते कृषि उद्योग को सहयोग देने में इसकी दीर्घकालिक भूमिका को दर्शाता है।
इस समारोह का नेतृत्व जॉन डीयर में प्रोडक्शन सिस्टम्स, स्मॉल एग एंड टर्फ के उपाध्यक्ष, जेसन ब्रैंटली ने किया। उन्होंने भारतीय टीम के निरंतर प्रयासों और कंपनी की वैश्विक सफलता में उनके योगदान की प्रशंसा की।
जॉन डीयर ने भारत में अपनी यात्रा 1998 में शुरू की थी, उस समय जब देश की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही थी। पुणे वर्क्स इकाई से पहला ट्रैक्टर 2000 में बनकर तैयार हुआ, जिसने एक प्रेरणादायक यात्रा की शुरुआत की। तब से, जॉन डीरे भारत के बढ़ते कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों के साथ-साथ विकसित हुआ है।
आज, भारत दुनिया के सबसे बड़े ट्रैक्टर बाज़ारों में से एक है, जो दुनिया भर में इस्तेमाल होने वाले लगभग एक-तिहाई ट्रैक्टरों का उत्पादन करता है। जॉन डीयर ने इस सफलता में अहम भूमिका निभाई है। इसका पुणे प्लांट घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय, दोनों बाज़ारों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बन गया है, जो कई देशों में ट्रैक्टरों की आपूर्ति करता है।
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जॉन डियर इंडिया की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक है, इसके 20 वर्षों की निरंतर निर्यात सफलता। पिछले दो दशकों से, भारत में बने ट्रैक्टर दुनिया भर के खेतों तक पहुँच रहे हैं। किसान इन मशीनों की मज़बूती, प्रदर्शन और उपयोग में आसानी के लिए इन पर भरोसा करते हैं।
सफलता का यह लंबा रिकॉर्ड दर्शाता है कि कैसे जॉन डियर की भारतीय निर्माण टीम ने विश्वस्तरीय गुणवत्ता और उच्च मानकों को बनाए रखा है। इसके अलावा, विश्वसनीय मशीनरी पर ब्रांड के फोकस ने भारत को वैश्विक कृषि उपकरण उद्योग में एक मज़बूत नाम बनने में मदद की है।
पुणे वर्क्स में निर्मित प्रत्येक ट्रैक्टर के पीछे मेहनती लोगों की एक टीम होती है। इंजीनियरों, तकनीशियनों और प्रबंधकों ने जॉन डियर के विज़न को साकार करने के लिए मिलकर काम किया है। उनकी टीम वर्क, बारीकियों पर ध्यान और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता ही इस अविश्वसनीय उपलब्धि के असली कारण हैं।
जॉन डीयर का मानना है कि उसके कर्मचारी ही कंपनी की असली ताकत हैं। कारखाने से निकलने वाला हर ट्रैक्टर अपनी लगन और कुशलता से काम करता है।
दस लाखवें ट्रैक्टर का जश्न मनाते हुए, जॉन डीयर भविष्य की ओर भी देख रहा है। कंपनी खेती को और भी स्मार्ट और टिकाऊ बनाने के लिए उन्नत तकनीकों में निवेश और विस्तार जारी रखने की योजना बना रही है।
आने वाले वर्षों में, जॉन डीयर का लक्ष्य अगली पीढ़ी के कृषि समाधान पेश करना है जो पर्यावरण की देखभाल करते हुए उत्पादकता में सुधार लाएँ। इसके अलावा, कंपनी दुनिया भर के किसानों को नवीन और कुशल उपकरणों के साथ समर्थन देने पर केंद्रित है।
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दस लाखवें ट्रैक्टर का मील का पत्थर केवल एक उपलब्धि नहीं है; यह इस बात की याद दिलाता है कि जॉन डीयर कितनी दूर तक पहुँच गया है और वह और कितना कुछ हासिल कर सकता है। यह भारत के एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उदय और जॉन डीयर के निरंतर नवाचार के वादे को दर्शाता है।
जॉन डीयर इंडिया इस गौरवशाली क्षण का जश्न मनाते हुए, किसानों को आगे बढ़ने, सफल होने और एक बेहतर कल को आकार देने में मदद करने के उसी जुनून और उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रहा है।
प्रश्न: जॉन डीयर की किस इकाई ने भारत में दस लाखवाँ ट्रैक्टर निर्मित किया है?
उत्तर : पुणे वर्क्स
प्रश्न: भारत में जॉन डीयर का पहला ट्रैक्टर किस वर्ष में तैयार हुआ था ?
उत्तर : 2000
प्रश्न: जॉन डीयर ने भारत में अपनी यात्रा कब शुरू की थी ?
उत्तर: 1998
प्रश्न: इस समारोह का नेतृत्व किसने किया ?
उत्तर : जेसन ब्रैंटली
प्रश्न: भारत दुनिया में ट्रैक्टर उत्पादन के मामले में कहाँ स्थान रखता है ?
उत्तर : पहला
बिजली से सचांलित यह ट्रैक्टर न केवल डीजल और पेट्रोल की निर्भरता कम करते हैं, बल्कि मेंटेनेंस भी बहुत सस्ता होता है। यही वजह है, कि आज छोटे से बड़े किसान तक इन ट्रैक्टरों की तरफ रुख कर रहे हैं।
कभी खेतों में डीजल की गंध और इंजन की घर्र-घर्र आवाज खेती की पहचान हुआ करती थी। लेकिन अब वक्त बदल रहा है। जैसे-जैसे देश इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे किसान भी इस बदलाव में पीछे नहीं हैं। अब खेतों में भी “इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर” की एंट्री हो चुकी है, जो न सिर्फ खेती को आसान बना रहे हैं, बल्कि खर्च भी घटा रहे हैं और पर्यावरण को भी सुरक्षित रख रहे हैं।
बिजली से चलने वाले ये ट्रैक्टर न केवल डीजल और पेट्रोल की निर्भरता कम करते हैं, बल्कि रख रखाव की लागत भी बहुत सस्ती होती है। यही कारण है, कि आज छोटे से बड़े किसान तक इन ट्रैक्टरों की तरफ रुख कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, भारत के 5 सबसे लोकप्रिय इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के बारे में जो खेती की तस्वीर बदलने की क्षमता रखते हैं।
सोनालिका का यह ट्रैक्टर छोटे और मध्यम खेतों के लिए काफी बेहतरीन विकल्प है। इसमें 15 HP का इलेक्ट्रिक मोटर दिया गया है, जो इसको काफी शक्तिशाली बनाता है। सोनालिका टाइगर इलेक्ट्रिक 2WD ट्रैक्टर की लिफ्टिंग क्षमता 500 किलो तक है, जिससे हल्की जुताई, बीज बुवाई और खेत समतल करने जैसे काम आसानी से किए जा सकते हैं। सबसे खास बात यह है, कि यह पूरी तरह शोर-रहित है और इसका संचालन बेहद सरल है। बैटरी एक बार चार्ज करने पर 8 घंटे तक कार्य करती है।
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अगर आपका खेत बड़ा है और मिट्टी कड़ी है, तो यह 4-व्हील ड्राइव मॉडल आपके काम का है। सोनालिका टाइगर इलेक्ट्रिक 4WD में 800 किलो तक भार उठाने की क्षमता है और इसकी स्पीड करीब 25 किमी/घंटा तक जा सकती है। यह खेतों में भारी काम जैसे ट्रॉली खींचना या सिंचाई उपकरण चलाने में बेहद असरदार साबित होता है। साथ ही, इसमें 5 साल की वारंटी मिलती है, जिससे किसानों का भरोसा और भी मजबूत होता है।
महिंद्रा ई-अल्फा मिनी कॉम्पैक्ट और बजट-फ्रेंडली ट्रैक्टर है। इस ट्रैक्टर में 10.5 HP की मोटर है जो छोटे खेतों, सब्जी की खेती और बागवानी के लिए एकदम उपयुक्त है। इसका छोटा आकार इसे संकरे खेतों और पगडंडियों में भी आसानी से चलने योग्य बनाता है। यह प्रदूषण मुक्त, कम शोर वाला और बेहद टिकाऊ विकल्प है यानी जो किसान शुरुआत कर रहे हैं, उनके लिए यह एक बढ़िया चुनाव है।
आयशर 380 EV ट्रैक्टर 40 HP की पावर के साथ आने वाला यह ट्रैक्टर बड़े किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है। इसकी लिफ्टिंग कैपेसिटी 1800 किलो तक है, जिससे भारी कृषि उपकरण चलाना आसान हो जाता है। यह ट्रैक्टर लंबी बैटरी लाइफ के लिए जाना जाता है, जो एक बार चार्ज में कई घंटे काम करता है। डीजल ट्रैक्टरों की तुलना में इसका मेंटेनेंस खर्च बेहद कम है, जिससे लंबे समय में बड़ी बचत होती है।
12 HP पावर वाला यह हल्का ट्रैक्टर छोटे खेतों और बागानों के लिए आदर्श है। अतुल एलीट इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का डिजाइन सिंपल लेकिन कुशल है और यह खेतों में बेहद सुगमता से चलता है इसकी बैटरी 6-8 घंटे तक निरंतर काम करती है। अतुल एलीट इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का रखरखाव लगभग शून्य है और यह पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल है।
प्रश्न : खेती-किसानी में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर्स का उपयोग बढ़ने से क्या फायदा होगा ?
उत्तर : इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर्स की मदद से किसानों की लागत में कमी आती है और वातावरण भी प्रदूषित होने से बचता है।
प्रश्न : आयशर 380 EV ट्रैक्टर भार उठाने की क्षमता क्या है ?
उत्तर : आयशर 380 EV ट्रैक्टर की लिफ्टिंग कैपेसिटी 1800 किलो तक है, जिससे भारी कृषि उपकरण चलाना आसान हो जाता है।
प्रश्न : अतुल एलीट ट्रैक्टर लगभग कितने घंटे कार्य करता है ?
उत्तर : अतुल एलीट इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का डिजाइन सिंपल लेकिन कुशल है और यह खेतों में बेहद सुगमता से चलता है। इसकी बैटरी 6-8 घंटे तक निरंतर काम करती है।
भारत के किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है। CSIR के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर विकसित किया है, जो न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि खेती के खर्च को भी 64% प्रतिशत तक कम कर देगा। यह ट्रैक्टर आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य खेतों में दिखाई देगा और किसानों की परंपरागत खेती को नई दिशा देगा।
CSIR के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप राजन ने बताया कि यह इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर खेती के लिए बेहद उपयोगी है। इसे पुरुष और महिला दोनों आसानी से चला सकते हैं। डीजल ट्रैक्टर की तरह थकान नहीं होती और संचालन बहुत आसान है। एक बार इसे फुल चार्ज करने में केवल 4 घंटे लगते हैं, और इसके बाद यह लगातार 4–5 घंटे तक खेत में काम कर सकता है।
सामान्य डीजल ट्रैक्टर जहां एक घंटे में लगभग 1.5 लीटर डीजल खर्च करता है, वहीं ई-ट्रैक्टर 5 घंटे के काम के लिए केवल 18–20 यूनिट बिजली खर्च करता है। इससे किसानों को 64 प्रतिशत तक की सीधी बचत होती है, जो उनके लिए बेहद लाभकारी साबित होगी।
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डॉ. राजन ने बताया कि ई-ट्रैक्टर की ताकत 26 HP है। तुलना करें तो दो बैल मिलकर केवल 1 HP ताकत देते हैं, ऐसे में यह ट्रैक्टर छोटे और बड़े खेतों के लिए पर्याप्त शक्तिशाली है। हल, रोटावेटर, कल्टीवेटर जैसे लगभग सभी कृषि उपकरण आसानी से चलाए जा सकते हैं।
इसकी बैटरी की गारंटी 5 साल की है और इसे 10 हजार बार तक चार्ज-डिस्चार्ज किया जा सकता है। खेतों में काम करने के अलावा ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। यह लगातार 6 घंटे तक सामान ढोने का काम कर सकता है, जिससे छोटे और मध्यम किसानों के लिए आय के नए अवसर भी बनेंगे।
CSIR के प्रिंसिपल साइंटिस्ट अविनाश कुमार यादव ने बताया कि ई-ट्रैक्टर को बनाने की योजना साल 2020 में शुरू हुई थी और दिसंबर 2023 में यह मॉडल तैयार हुआ। इसे तैयार करने में लगभग तीन साल का समय लगा।
ट्रैक्टर की उत्पादन लागत 8.5 लाख रुपए है, लेकिन किसानों के लिए राहत की बात यह है कि सब्सिडी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार से प्रस्ताव मंजूर होने के बाद, यह ट्रैक्टर किसानों को 4 से 4.5 लाख रुपये के बीच में मिल सकेगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ई-ट्रैक्टर से खेती की लागत में भारी कमी आएगी और पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। यह ट्रैक्टर न केवल बड़े किसानों के लिए बल्कि 2–3 एकड़ वाले छोटे किसानों के लिए भी गेम चेंजर साबित हो सकता है।
डॉ. राजन ने कहा कि ई-ट्रैक्टर से किसान अपने खेत का काम निपटाने के बाद दूसरों के खेतों में भी काम कर आय अर्जित कर सकते हैं। यह ट्रैक्टर पूरे साल भर उपयोग में लाया जा सकता है और किसानों की आय में सीधे बढ़ोतरी करेगा।
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ई-ट्रैक्टर की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह न केवल खेती के खर्च को कम करता है बल्कि डीजल पर निर्भरता घटाकर कार्बन उत्सर्जन को भी कम करता है। इससे किसानों के लिए लागत-कुशल और पर्यावरण-मित्र खेती संभव होगी।
छोटे और मध्यम किसान अब अपनी फसलों के लिए बिजली से चलने वाला ट्रैक्टर इस्तेमाल कर सकेंगे, जिससे उनके खेती के खर्च में भारी कटौती होगी और उन्हें ज्यादा समय और मेहनत बचाने का मौका मिलेगा।
CSIR का यह नया इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर किसानों के लिए एक सस्ती, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल तकनीक है। यह खेती के तरीके को आधुनिक बनाने के साथ-साथ छोटे और बड़े किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद करेगा। आने वाले वर्षों में इसका व्यापक उपयोग किसानों की जीवन शैली और ग्रामीण अर्थव्यवस्था दोनों में बड़ा बदलाव ला सकता है।
प्रश्न: CSIR द्वारा विकसित नया ट्रैक्टर किस प्रकार का है ?
उत्तर: इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर
प्रश्न: ई-ट्रैक्टर को एक बार फुल चार्ज होने में कितना समय लगता है ?
उत्तर: 4 घंटे
प्रश्न: फुल चार्ज के बाद ई-ट्रैक्टर खेत में कितने घंटे काम कर सकता है?
उत्तर: 4–5 घंटे
प्रश्न: 5 घंटे के काम में ई-ट्रैक्टर कितनी यूनिट बिजली खर्च करता है ?
उत्तर: 18–20 यूनिट
प्रश्न: डीजल ट्रैक्टर की तुलना में ई-ट्रैक्टर कितनी प्रतिशत लागत बचत करता है ?
उत्तर: 64 प्रतिशत
प्रश्न: ई-ट्रैक्टर की ताकत कितनी HP है ?
उत्तर: 26 HP
प्रश्न: दो बैलों की ताकत कुल मिलाकर कितनी HP होती है?
उत्तर: 1 HP
प्रश्न: ई-ट्रैक्टर कितने प्रकार के कृषि उपकरण चला सकता है?
उत्तर: हल, रोटावेटर, कल्टीवेटर आदि लगभग सभी
प्रश्न: इस ट्रैक्टर की बैटरी की गारंटी कितने साल की है?
उत्तर: 5 साल
प्रश्न: इस बैटरी को अधिकतम कितनी बार चार्ज-डिस्चार्ज किया जा सकता है ?
उत्तर: 10,000 बार
त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और किसानों के लिए यह समय सिर्फ उत्सव का नहीं, बल्कि नए कृषि यंत्रों की खरीद का भी होता है। विशेषकर नवरात्रि से लेकर दीपावली तक का समय ट्रैक्टर, कृषि यंत्र और इंप्लीमेंट्स खरीदने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवधि में की गई खरीद से समृद्धि, उन्नति और सुख-शांति प्राप्त होती है।
कई ट्रैक्टर निर्माता कंपनियां भी इसी सीजन में विशेष ऑफर लेकर आती हैं, जिससे कीमत में छूट, जीएसटी राहत और लकी ड्रा इनाम जैसे फायदे मिलते हैं। लेकिन इन सबके बीच, सही मुहूर्त पर खरीदी करना भी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण परंपरा रही है।
तारीख | वार | अवसर / पर्व | शुभ मुहूर्त का समय |
22 सितंबर | सोमवार | शारदीय नवरात्रि | 06:10 – 10:45 (अभिजीत मुहूर्त) |
30 सितंबर | मंगलवार | महा अष्टमी | 09:15 – 12:00 (चर, लाभ योग) |
2 अक्टूबर | गुरुवार | विजयदशमी / दशहरा | 13:30 – 15:00 (विजय मुहूर्त) |
17 अक्टूबर | शुक्रवार | धनतेरस | 08:30 – 11:15, 17:45 – 19:30 |
18 अक्टूबर | शनिवार | नरक चतुर्दशी / रूप चौदस | 12:10 – 14:00 (लाभ योग) |
20 अक्टूबर | सोमवार | दीपावली (लक्ष्मी पूजन) | 18:10 – 20:10 (लक्ष्मी पूजन मुहूर्त) |
विजयदशमी (2 अक्टूबर) और धनतेरस (17 अक्टूबर) को ट्रैक्टर, थ्रेशर, रोटावेटर, पावर टिलर, हार्वेस्टर आदि की खरीद अत्यंत शुभ मानी जाती है।
दीपावली के दिन, शाम के समय लक्ष्मी पूजन के बाद मशीनरी और वाहन खरीदना शुभ माना जाता है, विशेषकर जब वो समृद्धि से जुड़ा हो। यदि किसानों को दिन विशेष पर समय नहीं मिल पाता, तो वह लाभ या अमृत योग वाले दिन को प्राथमिकता दे सकते हैं।
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कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरों को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा। उन्होंने बताया कि इसके कारण विभिन्न श्रेणियों के ट्रैक्टरों की कीमतों में निम्नलिखित रूप से कमी आएगी। अनुमानित कमी नीचे दी सूची में दिखाई गई है।
ट्रैक्टर श्रेणी | अनुमानित मूल्य कटौती |
35 HP | ₹41,000 तक |
45 HP | ₹45,000 तक |
50 HP | ₹53,000 तक |
75 HP | ₹63,000 तक |
जीएसटी दर में कटौती से किसानों की लागत में बड़ी बचत होगी और ट्रैक्टर जैसे जरूरी उपकरण अब अधिक किफायती दरों पर उपलब्ध होंगे। वर्तमान में देश की विभिन्न अग्रणी कंपनियां जैसे महिंद्रा, जॉन डियर, सॉलिस यानमार, स्वराज, सोनालिका आदि खास त्यौहारी स्कीम्स और लकी ड्रा भी चला रही हैं। ट्रैक्टर बुकिंग करते समय GST में कटौती और छूट योजनाओं की जानकारी जरूर लें।
प्रश्न : कृषि यंत्रों की खरीद के लिए शुभ मुहूर्त क्या है ?
उत्तर : नवरात्रि से लेकर दीपावली तक का समय ट्रैक्टर, कृषि यंत्र और इंप्लीमेंट्स खरीदने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
प्रश्न : कृषि यंत्रो पर राहत कब से मिलना शुरू हो जाएगी ?
उत्तर : यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होने के बाद विभिन्न श्रेणियों के ट्रैक्टरों की कीमतों में कमी आएगी।
प्रश्न : ट्रैक्टर निर्माता कंपनियां भी दे रहीं भारी छूट ?
उत्तर : कई ट्रैक्टर निर्माता कंपनियां भी इसी सीजन में विशेष ऑफर लेकर आती हैं, जिससे कीमत में छूट, जीएसटी राहत और लकी ड्रा इनाम जैसे फायदे मिलते हैं।
भारत में एक पसंदीदा और विश्वसनीय ट्रैक्टर निर्माता इंडो फार्म किसानों को भरोसेमंद, बेहतरीन प्रदर्शन वाली, शक्तिशाली और भविष्य के लिए तैयार मशीनों से सशक्त बनाने में सहायता कर रहा है।
भारत के शीर्ष 5 सर्वश्रेष्ठ ट्रैक्टरों के साथ, हम आधुनिक खेतों के संचालन के तरीके में आमूलचूल परिवर्तन ला रहे हैं। भारत में कृषि स्मार्ट खेती के एक नए युग में प्रवेश कर रही है और तकनीक का विकास हो रहा है। सही ट्रैक्टर ढूँढना भी पहले से कहीं ज़्यादा जरूरी है।
इंडो फार्म 4190 डीआई 4WD ट्रैक्टर भारत के सबसे मज़बूत ट्रैक्टरों में से एक है, जिसमें 90 एचपी का शक्तिशाली इंजन लगा है। यह ट्रैक्टर कठिन कामों को संभाल सकता है और व्यावसायिक खेती और बड़े पैमाने पर खेती के लिए उपयुक्त है।
इंडो फार्म 3060 डीआई एचटी को अधिकतम आउटपुट के लिए डिजाइन किया गया है, और इसे हल्के और भारी दोनों तरह के कामों को आसानी से करने के लिए तैयार किया गया है।
इंडो फार्म रेंज में सबसे अधिक बिकने वाले मॉडलों में से एक, 3055 डीआई विश्वसनीयता और बेहतरीन मूल्य प्रदान करता है।
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यह मॉडल किफ़ायती और मज़बूत है, जो इसे छोटे से मध्यम जोत वाले किसानों के लिए पसंदीदा बनाता है।
इंडो फार्म 3055 एनवी एक शक्तिशाली इंजन और कुशल प्रदर्शन के साथ उत्कृष्ट मूल्य प्रदान करता है, जो इसे किसानों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाता है।
इंडो फ़ार्म भारत में ट्रैक्टर निर्माण कंपनियों में निम्नलिखित बातों पर ध्यान केंद्रित करता है :-
मजबूत और क्षेत्र-परीक्षित इंजीनियरिंग, किफ़ायती मूल्य निर्धारण और उत्कृष्ट सेवा नेटवर्क, आधुनिक कृषि और कृषि उपकरणों के साथ अनुकूलता, ट्रैक्टर डीलरों और सेवा केंद्रों का एक मजबूत नेटवर्क है।
2025 में खेती जितनी मजबूती और विश्वसनीयता पर निर्भर करेगी, उतनी ही सटीकता और तकनीक पर भी। ये पाँच इंडो फ़ार्म ट्रैक्टर छोटे बाग़ों में इस्तेमाल से लेकर बड़े पैमाने पर व्यावसायिक कार्यों तक, समाधानों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं। यदि आप भारत में सर्वश्रेष्ठ ट्रैक्टर की तलाश में हैं, तो इंडो फ़ार्म शक्ति, प्रदर्शन और मन की शांति प्रदान करता है - एक-एक फरो के साथ।
प्रश्न : भारत में सबसे शक्तिशाली इंडो फ़ार्म ट्रैक्टर कौन सा है ?
उत्तर : 95 एचपी वाला इंडो फ़ार्म 4195 DI 4WD वर्तमान में भारत के सबसे शक्तिशाली ट्रैक्टरों में से एक है।
प्रश्न : छोटे खेतों के लिए एक अच्छा इंडो फ़ार्म मॉडल कौन सा है ?
उत्तर : इंडो फार्म 2035 DI और 3048 DI छोटे से मध्यम आकार के खेतों के लिए आदर्श हैं, जो ईंधन दक्षता और आसान संचालन प्रदान करते हैं।
प्रश्न : भारी-भरकम खेती के लिए कौन सा इंडो फार्म ट्रैक्टर सबसे अच्छा है ?
उत्तर : इंडो फार्म 4175 DI और 4195 DI अपनी शक्ति और 4WD सुविधाओं के कारण व्यावसायिक या बड़े पैमाने पर खेती के लिए बेहतरीन विकल्प हैं।
प्रश्न : क्या इंडो फार्म ट्रैक्टर सभी प्रकार के कृषि उपकरणों के लिए उपयुक्त है ?
उत्तर : हाँ, इंडो फार्म ट्रैक्टर रोटावेटर, कल्टीवेटर और ट्रॉलियों जैसे सामान्य कृषि उपकरणों के साथ निर्बाध रूप से काम करने के लिए बनाए गए हैं।
प्रश्न : इंडो फार्म को अन्य ट्रैक्टर आपूर्तिकर्ताओं की तुलना में क्यों चुनें ?
उत्तर : इंडो फार्म अपने टिकाऊ डिजाइन, आधुनिक सुविधाओं और सुलभ ट्रैक के लिए विश्वसनीय है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए कई कदम उठाए हैं। अब ऐसे में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है।
योगी सरकार की उद्योग नीति और निवेशक-हितैषी कदमों का बड़ा परिणाम सामने आया है। दरअसल, यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने सोमवार को एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड को 190 एकड़ भूमि का एलओआई जारी किया है। यह जमीन सेक्टर-10, यमुना एक्सप्रेस-वे में ट्रैक्टर निर्माण इकाई लगाने के लिए दी गई है।
एस्कॉर्ट्स (भारतीय कंपनी) और जापानी दिग्गज कंपनी कुबोटा ने वर्ष 2019 में साझेदारी की थी। दोनों मिलकर भारतीय और वैश्विक बाजार के लिए किफायती ट्रैक्टर विकसित कर रहे हैं।
अब एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड भारत को रणनीतिक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। इस ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत ट्रैक्टर, इंजन, फार्म और कंस्ट्रक्शन उपकरण बनाए जाएंगे।
बतादें, कि एस्कॉर्ट्स कुबोटा ने 17 अगस्त 2024 को उत्तर प्रदेश सरकार के साथ 200 एकड़ जमीन पर ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए MOU साइन किया था।
कंपनी इस परियोजना में कुल 4500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और चरणबद्ध तरीके से 4000 लोगों को रोजगार देगी।
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एस्कॉर्ट्स कुबोटा कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में कंपनी 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस चरण में ट्रैक्टर प्लांट, कमर्शियल इक्विपमेंट प्लांट और अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा। बाजार की मांग और पहले चरण की क्षमता के आधार पर दूसरे चरण का विस्तार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस प्लांट के जरिए एस्कॉर्ट्स कुबोटा भारत से न सिर्फ घरेलू बल्कि वैश्विक बाजार को भी आपूर्ति करेगी। साथ ही, कंपनी की योजना यह है, कि भारत से कुबोटा के वैश्विक रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) के लिए साझा सेवाएं भी शुरू की जाएं।
प्रश्न : एस्कॉर्ट्स कुबोटा यूपी में कितना निवेश करने जा रहा है ?
उत्तर : एस्कॉर्ट्स कुबोटा यूपी में पहले चरण में कंपनी 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
प्रश्न : एस्कॉर्ट्स कुबोटा पहले चरण में किन सुविधाओं का विकास करेगा ?
उत्तर : एस्कॉर्ट्स कुबोटा पहले चरण में ट्रैक्टर प्लांट, कमर्शियल इक्विपमेंट प्लांट और अन्य सुविधाओं का विकास करेगा।
प्रश्न : एस्कॉर्ट्स कुबोटा के यूपी में इस निवेश से कितने लोगों को रोजगार मिलेगा ?
उत्तर : एस्कॉर्ट्स कुबोटा के यूपी में इस निवेश से 4000 लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा।
आज के समय पर ट्रैक्टर खेती-किसानी का सबसे महत्वपूर्ण कृषि यंत्र है। कृषि संबंधित लगभग हर छोटे से बड़ा कार्य आधुनिक कृषि यंत्रों पर निर्भर है।
स्वराज 963 FE 4WD और जॉन डियर 5060-E 4WD ट्रैक्टर की तुलना करने वाले हैं कि आपके लिए इनमें से कौन-सा ट्रैक्टर आपके लिए सबसे उपयुक्त रहेगा। स्वराज 963 FE 4WD और जॉन डियर 5060-E 4WD दोनों ही किफायती कीमत पर आने वाले काफी दमदार ट्रैक्टर हैं।
स्वराज 963 FE 4WD ट्रैक्टर में 3 सिलेंडर, 60 एचपी और 3478 सीसी की इंजन क्षमता दी गयी है, इस ट्रैक्टर की कीमत 11.44 - 11.92 रुपए है।
वहीं जॉन डियर 5060 ई 4डब्ल्यूडी ट्रैक्टर में 3 सिलेंडर, 60 एचपी और 2900 सीसी की इंजन क्षमता दी गयी है, इस ट्रैक्टर की कीमत 12.61 - 13.56 रुपए है।
प्रश्न : स्वराज 963 एफ ई 4WD और जॉन डियर 5060-E 4WD की कीमत में क्या अंतर है ?
उत्तर : स्वराज 963 FE 4WD की कीमत 11.44 - 11.92 और जॉन डियर 5060-E 4WD की कीमत 12.61 - 13.56 लाख रूपये के बीच है।
प्रश्न : स्वराज 963 FE 4WD ट्रैक्टर की हाइड्रोलिक क्षमता क्या है ?
उत्तर : स्वराज 963 FE 4WD की भार उठाने की क्षमता 2200 किलोग्राम तक है।
प्रश्न : जॉन डियर 5060-E 4WD ट्रैक्टर कितने व्हील ड्राइव में आता है ?
उत्तर : जॉन डियर 5060-E 4WD ट्रैक्टर आपको 4 व्हील ड्राइव में देखने को मिल जाता है।
किसान साथियों, आज हम लघु और सीमान्त किसानों के लिए 20 हॉर्सपावर (HP) कैटेगरी में आने वाले महिंद्रा जीवो 225 DI और कैप्टन 200 DI (20 HP) / 200 DI LS ट्रैक्टर्स के बारे में जानेंगे। यह दोनों ट्रैक्टर्स 20 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर हैं, लेकिन कुछ अंतर हैं। महिंद्रा जीवो 225 DI में 1366 cc का इंजन है, जबकि कैप्टन 200 DI का इंजन 895 cc का है।
जीवो 225 DI में 750 kg की लिफ्टिंग क्षमता है, जबकि कैप्टन 200 DI की लिफ्टिंग क्षमता 600 kg है। जीवो 225 DI में 2WD और 4WD दोनों विकल्प उपलब्ध हैं, जबकि कैप्टन 200 DI आमतौर पर 2WD में उपलब्ध है। भारतीय बाजार में इन दोनों ट्रैक्टर्स को सबसे ज़्यादा माइलेज के लिए जाना जाता है।
महिंद्रा जीवो 225 DI ट्रैक्टर में 20 हॉर्सपावर का इंजन, 8 फॉरवर्ड + 4 रिवर्स गियर, ऑयल इमर्स्ड डिस्क ब्रेक, लिफ्टिंग क्षमता 750 किलोग्राम और यह 2WD (टू व्हील ड्राइव) में आता है। साथ ही, यह कॉम्पैक्ट आकार, आरामदायक सीट और कम रखरखाव लागत जैसी विशेषताओं से युक्त है।
महिंद्रा जीवो 225 DI ट्रैक्टर का इस्तेमाल छोटे खेतों और बागों में जुताई, बुवाई और अन्य कृषि कार्यों के लिए, फल और सब्जियों की खेती में, अंगूर के बागों, गन्ने के खेतों और कपास के खेतों में मुख्य रूप से किया जा सकता है।
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महिंद्रा जीवो 225 DI ट्रैक्टर कम जगह में आसानी से काम कर सकता है। इसका खेत में संचालन करना काफी आसान होता है।
महिंद्रा जीवो 225 DI ट्रैक्टर उच्च ईंधन दक्षता के साथ आने वाला टिकाऊ और भरोसेमंद ट्रैक्टर है। महिंद्रा जीवो 225 DI की कीमत 4.60 लाख रुपये से 4.81 लाख रुपये के बीच है।
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कैप्टन 200 DI LS 2WD ट्रैक्टर 2WD ड्राइवट्रेन के साथ आता है। इस ट्रैक्टर में आपको 8 फॉरवर्ड और 2 रिवर्स गियर दिए गए हैं। यह कृषि उपकरणों जैसे कल्टीवेटर, रोटावेटर,और हल के साथ आसानी से काम कर सकता है।
इसमें तेल में डूबे हुए ब्रेक (Oil Immersed Brakes) एक उन्नत ब्रेकिंग सिस्टम है, जो बेहतर ब्रेकिंग प्रदर्शन और स्थायित्व प्रदान करता है।
कैप्टन 200 DI LS 2WD ट्रैक्टर छोटे से मध्यम आकार के खेतों के लिए उपयुक्त है। कैप्टन 200 DI LS 2WD ट्रैक्टर अपनी असाधारण ईंधन दक्षता और बहुमुखी प्रदर्शन के लिए जाना जाता है।
प्रश्न : महिंद्रा जीवो 225 DI और कैप्टन 200 DI LS 2WD ट्रैक्टर कितने एचपी में आते हैं ?
उत्तर : महिंद्रा जीवो 225 DI और कैप्टन 200 DI LS 2WD ट्रैक्टर 20 एचपी में आते हैं।
प्रश्न : महिंद्रा जीवो 225 DI ट्रैक्टर की क्या कीमत है ?
उत्तर : महिंद्रा जीवो 225 DI की कीमत 4.60 लाख रुपये से 4.81 लाख रुपये के बीच है।
प्रश्न : कैप्टन 200 DI LS 2WD ट्रैक्टर की क्या कीमत है ?
उत्तर : भारतीय बाजार में कैप्टन 200 DI LS 2WD ट्रैक्टर की कीमत लगभग 3.13 लाख रुपये से 3.59 लाख रुपये के बीच है।
भारतीय कृषि बाजार में मिनी ट्रैक्टर्स की संख्या में निरंतर वृद्धि देखने को मिल रही है। किसान साथियों को यह विचार करने में काफी समय लगता है, कि उनके लिए 2025 का बेस्ट मिनी ट्रैक्टर कौनसा रहेगा।
वैसे तो सभी मिनी ट्रैक्टर बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन आज हम जिनके बारे में बात करने जा रहे हैं वो दोनों ट्रैक्टर 2025 के टॉप मिनी ट्रैक्टर हैं। इस वजह से मुकाबला काफी जोरदार है, साथ ही दोनों ब्रांड महिंद्रा और सोनालीका भारत के भरोसेमंद ब्रांड हैं।
प्रश्न : सोनालीका टाइगर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की क्या कीमत है ?
उत्तर : भारत में सोनालीका टाइगर इलेक्ट्रिक की कीमत ₹6.14 लाख से लेकर 6.53 लाख रुपए तक है।
प्रश्न : महिंद्रा युवराज 215 NXT ट्रैक्टर की क्या कीमत है ?
उत्तर : भारत में महिंद्रा युवराज 215 एनएक्सटी की कीमत ₹ 3,29,600 से शुरू होकर ₹ 3,50,200 तक है।
प्रश्न : इलेक्ट्रिक और डीजल ट्रैक्टर में कौन-सा बेहतर ट्रैक्टर है ?
उत्तर : डीजल ट्रैक्टर अधिक शक्तिशाली होते हैं और भारी काम के लिए बेहतर हैं, जबकि इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर पर्यावरण के अनुकूल और कम रखरखाव लागत वाले होते हैं।
सोनालिका DI 750 III ट्रैक्टर एक 55 एचपी का ट्रैक्टर है, जो 2000 आरपीएम पर 235 Nm का अधिकतम टॉर्क उत्पन्न करता है। यह 12F+12R गियरबॉक्स, 2200 किलोग्राम की लिफ्टिंग क्षमता और तेल में डूबे हुए ब्रेक के साथ आता है। सोनालिका DI 750 III ट्रैक्टर की कीमत 7.61 लाख रुपये से 8.18 लाख रुपये के बीच है।
सोनालिका DI 750 III ट्रैक्टर में 4 सिलेंडर इंजन है और यह 2WD ड्राइवट्रेन के साथ उपलब्ध है। सोनालिका DI 750 III ट्रैक्टर में 65 लीटर का फ्यूल टैंक आता है। सोनालिका DI 750 III ट्रैक्टर रोटावेटर, कल्टीवेटर, प्लाऊ और अन्य कृषि उपकरणों के साथ कार्य करने के लिए अनुकूल है। इसके अतिरिक्त, इसमें 8 फॉरवर्ड और 2 रिवर्स गियर हैं।
न्यू हॉलैंड 7500 टर्बो सुपर एक 75 एचपी का ट्रैक्टर है, जो 4-सिलेंडर इंजन और 4-व्हील ड्राइव (4WD) के साथ आता है। न्यू हॉलैंड की कीमत ₹12.35 लाख से ₹14.05 लाख (एक्स-शोरूम) के बीच है। यह ट्रैक्टर अपनी शक्तिशाली प्रदर्शन और आधुनिक सुविधाओं के लिए जाना जाता है, जो इसे व्यावसायिक किसानों के बीच लोकप्रिय बनाता है।
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प्रश्न : न्यू हॉलैंड 7500 टर्बो सुपर ट्रैक्टर कैसा प्रदर्शन करता है ?
उत्तर : न्यू हॉलैंड 7500 टर्बो सुपर ट्रैक्टर 75 एचपी का शक्तिशाली इंजन और 4WD सुनिश्चित करता है, कि यह ट्रैक्टर कई कृषि कार्यों को सुगमता से पूरा कर सकता है।
प्रश्न : न्यू हॉलैंड की उत्पादकता कैसी है?
उत्तर : न्यू हॉलैंड की उन्नत सुविधाएँ, जैसे कि पावर स्टीयरिंग, 12 फॉरवर्ड गियर और उच्च लिफ्टिंग क्षमता खेत में उत्पादकता बढ़ाने में मदद करती हैं।
प्रश्न : न्यू हॉलैंड 7500 टर्बो सुपर ट्रैक्टर कितना टिकाऊ है ?
उत्तर : न्यू हॉलैंड 7500 टर्बो सुपर ट्रैक्टर में वाटर-कूल्ड इंजन और ड्राई एयर फिल्टर इस ट्रैक्टर को लंबे समय तक बिना हीट हुए काम लायक बनाता है।
प्रश्न : न्यू हॉलैंड 7500 टर्बो सुपर ट्रैक्टर कितना सुरक्षित है ?
उत्तर : न्यू हॉलैंड 7500 टर्बो सुपर ट्रैक्टर में ऑयल इमर्स्ड मल्टी डिस्क ब्रेक और अन्य सुरक्षा सुविधाएँ इसका सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करती हैं।
प्रश्न : न्यू हॉलैंड 7500 टर्बो सुपर ट्रैक्टर की क्या कीमत है ?
उत्तर : न्यू हॉलैंड 7500 टर्बो सुपर ट्रैक्टर दमदार इंजन शक्ति के साथ महज ₹12.35 लाख से ₹14.05 लाख (एक्स-शोरूम) के बीच कीमत है।
प्रश्न : सोनालिका DI 750 III ट्रैक्टर की क्या कीमत है ?
उत्तर : सोनालिका DI 750 III ट्रैक्टर की कीमत 7.61 लाख रुपये से 8.18 लाख रुपये के बीच है।
किसान साथियों आज हम न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स और मैसी फर्ग्यूसन 1035 डीआई ट्रैक्टर की तुलनात्मक जानकारी आपको प्रदान करने वाले हैं।
इसलिए आप इस लेख को पूरा पढ़कर अपने हिसाब से सही और किफायती ट्रैक्टर का चयन कर सकते हैं। पहले हम बात करेंगे सुपर आकर्षक डिजाइन के साथ एक अद्भुत और शक्तिशाली न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स ट्रैक्टर के बारे में। न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स ट्रैक्टर कंपनी द्वारा लॉन्च किया गया एक दमदार ट्रैक्टर है।
अगर हम यह न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स ट्रैक्टर की इंजन क्षमता के बारे में बात करें तो यह ट्रैक्टर 39 एचपी के साथ आता है। न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स की इंजन क्षमता बेहतरीन माइलेज प्रदान करती है।
न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स शक्तिशाली ट्रैक्टरों में से एक है और अच्छा माइलेज प्रदान करता है। न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स ट्रैक्टर खेत में उच्च प्रदर्शन प्रदान करने की क्षमता रखता है। न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स सुपर पावर के साथ आता है, जो कि ईंधन कुशल है।
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भारतीय वाणिज्यिक वाहन बाजार में हॉलैंड 3037 टीएक्स की कीमत 6.15 लाख* रुपए के आसपास है। न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स ट्रैक्टर की कीमत भारतीय किसानों के बजट के अनुसार तय की जाती है। यह मुख्य वजह है, कि न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स लॉन्च के साथ ही भारतीय किसानों के बीच लोकप्रिय हो गया है।
मैसी फर्ग्यूसन 1035 डीआई काफी दमदार ट्रैक्टर है, जिसमें जबरदस्त शक्ति, उत्कृष्ट मजबूती और सबसे भरोसेमंद फीचर्स प्रदान किए गए हैं।
मैसी फर्ग्यूसन 1035 ट्रैक्टर में आपके परिचालन या व्यावसायिक कार्यों को एक नए स्तर पर पहुंचाने के लिए आदर्श प्रणाली है। यह मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर निर्माता द्वारा निर्मित सबसे अच्छे ट्रैक्टरों में से एक है।
मैसी फर्ग्युसन ट्रैक्टर ब्रांड मैसी 1035 मॉडल को आधुनिक फीचर्स और जबरदस्त खूबियों के साथ प्रदान करता है, जो इसको कुशल बनाता है। मैसी फर्ग्यूसन 1035 डीआई ट्रैक्टर उन किसानों के लिए सबसे अच्छा ट्रैक्टर है, जिन्हें अपने खेत की उत्पादकता विकसित करने की आवश्यकता है।
मैसी डीआई 1035 खेती में प्रभावी है। मैसी फर्ग्युसन 1035 के ट्रैक्टर में खरीदार को जरूरत पडने पर पावर गाइडिंग का भी विकल्प विकल्प मिलता है।
मैसी ट्रैक्टर 1035 डीआई की कीमत 6.0-6.28 लाख (एक्स-शोरूम कीमत) रुपये है। मैसी फर्ग्यूसन 1035 ट्रैक्टर बहुत सस्ता है और सभी प्रकार के ट्रैक्टरों में सर्वश्रेष्ठ है। भारत में, सभी छोटे और सीमांत किसान मैसी फर्ग्यूसन 1035 डीआई ट्रैक्टर की ऑन-रोड कीमत आसानी से वहन कर सकते हैं।
प्रश्न : न्यू हॉलैंड 3037 टीएक्स इंजन की क्षमता क्या है ?
उत्तर : न्यू हॉलैंड 3037 TX ट्रैक्टर में 3 सिलेंडर, 39 हॉर्सपावर का इंजन है और इसकी इंजन क्षमता 2500 cc है।
प्रश्न : मैसी फर्ग्यूसन 1035 डीआई ट्रैक्टर की इंजन क्षमता क्या है ?
उत्तर : मैसी फर्ग्यूसन 1035 डीआई ट्रैक्टर में 3 सिलेंडर वाला 2400 cc का इंजन होता है। यह 36 या 40 एचपी (हॉर्स पावर) का ट्रैक्टर होता है।
प्रश्न : मैसी फर्ग्यूसन 1035 डीआई ट्रैक्टर की कीमत क्या है ?
उत्तर : मैसी फर्ग्यूसन 1035 डीआई ट्रैक्टर की कीमत ₹ 6,00,912 विभिन्न मॉडलों और विनिर्देशों के आधार पर 6,28,368 रुपये तक जा सकती है।
एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय कृषि उपकरण निर्माता कंपनी है। कंपनी ने अपना ट्रैक्टर आधिकारिक तौर पर 16 जुलाई, 2025 को पूरे भारत में लॉन्च किया है। साथ ही, कुबोटा ने अपने दो लोकप्रिय मॉडल, कुबोटा MU4501 और MU5502 के अपग्रेड का ऐलान भी किया है।
इसके खरीदारों ने अपना रिव्यू दिया है, कि यह ट्रैक्टर समस्त कृषि कार्यों के लिए बेहतरीन ताकत प्रदान करता है और यह आसान गियर शिफ्टिंग के लिए तैयार किया गया है, जिसमें बहुत ही कम दबाव की जरूरत होती है।
भारत के किसानों के बीच 40 से 45 HP ट्रैक्टर हमेशा लोकप्रिय रहते हैं। इसलिए कुबोटा ने अपनी MU सीरीज का 42 HP ट्रैक्टर लॉन्च किया है, जो इसके अन्य ट्रैक्टरों की तुलना में अधिक शक्तिशाली हो सकता है।
कुबोटा कंपनी के ट्रैक्टर अपने एडवांस फीचर्स और हाई परफोर्मेंस के लिए जाने जाते हैं। कुबोटा एमयू4201 भी बाजार में काफी अच्छा प्रदर्शन करने की शक्ति रखता है।
आपकी जानकारी के लिए बतादें कि इस 42 HP ट्रैक्टर की कीमत अभी तक कंपनी की तरफ से घोषित नहीं की गई है। लेकिन, इसकी कीमत कुबोटा के MU4501 के आसपास हो सकती है।
प्रश्न. कुबोटा ने अपने कौन-से 2 ट्रैक्टर्स के अपग्रेडेशन का ऐलान किया है ?
उत्तर. कुबोटा ने अपने दो लोकप्रिय मॉडल, कुबोटा MU4501 और MU5502 के अपग्रेड का भी ऐलान कर दिया है।
प्रश्न. कुबोटा MU4201 की इंजन पावर कितनी है ?
उत्तर. कुबोटा एमयू4201 42 HP के पावरफुल इंजन के साथ लॉन्च हुआ है।
प्रश्न. कुबोटा एमयू4201 ट्रैक्टर की बाजार में कितनी कीमत है ?
उत्तर. Kubota MU4501 ट्रैक्टर की एक्स-शोरूम कीमत ₹7.78 - ₹9.01 लाख के आसपास ही कुबोटा MU4201 की कीमत हो सकती है।