बिहार कृषि यांत्रिकरण योजना के नियमों में क्या परिवर्तन हुआ ?

By: tractorchoice Published on: 29-Apr-2025

बिहार राज्य के कृषि मंत्री सह उपमुख्यमंत्री आजकल प्रदेश के कई जनपदों में किसान कल्याण संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत कृषकों से उनकी समस्याएं सुन रहे हैं। कृषकों की तरफ से साझा करने वाले सुझावों को मद्देनजर रखते हुए कृषि मंत्री ने एक नया आदेश जारी किया है। 

बिहार कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत अनुदान भुगतान प्रक्रिया की समीक्षा कर जरूरी संशोधन करने की बात कह रहे हैं। 

सीतामढ़ी और बक्सर में आयोजित किसान कल्याण संवाद एवं युवा किसान सम्मान समारोह के दौरान किसानों ने कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से जुड़ी नीतियों पर सुझाव और समस्याएं साझा कीं। इसके पश्चात उपमुख्यमंत्री ने कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिड़ी की प्रक्रिया में संशोधन करने का संकेत दिया है।

बिहार कृषि यांत्रिकरण योजना के नियमों में बदलाव 

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत नियमों में परिवर्तन किए जाते रहे हैं। 

अब एक बार फिर कृषि मंत्री द्वारा अनुदान भुगतान की प्रक्रिया की समीक्षा कर आवश्यक संशोधन करने की बात कही जा रही है। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है, कि आने वाले समय में सरकार नए नियमों को लागू कर सकती है। 

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कृषि यंत्र विक्रेताओं ने दिया था अपना सुझाव

कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा की तरफ से जब कृषि यंत्र विक्रेताओं से सुझाव मांगे गए, तो कार्यक्रम में उपस्थित विक्रेताओं ने अनुरोध किया कि कृषि यंत्रों के क्रय पर अनुदान का भुगतान वर्तमान में निर्माता को न करके सीधे विक्रेताओं को कराया जाए। विक्रेताओं का कहना था कि "इससे प्रक्रिया ज्यादा सरल और त्वरित होगी तथा किसानों को यंत्र प्राप्त करने में सुविधा होगी।" 

विक्रेताओं की इस पर उपमुख्यमंत्री का कहना है, कि "इस मांग पर विभागीय स्तर पर विचार किया जाएगा और समीक्षा के बाद जरूरी सुधार किए जाएंगे, ताकि किसानों को किसी भी स्तर पर कठिनाई न हो।

कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान के नियम

कृषि यंत्रों पर मिलने वाली अनुदान राशि के नियम समय-समय पर बदलते रहे हैं। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि "वित्तीय वर्ष 2015-16 तक कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत विक्रेताओं को सीधे अनुदान का भुगतान किया जाता था।

इसके बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक किसानों के बैंक खाते में सीधे अनुदान राशि भेजी जाने लगी। फिर वित्तीय वर्ष 2020-21 से किसानों को अनुदान राशि काटकर केवल कृषक अंश का भुगतान कर यंत्र क्रय करने की व्यवस्था लागू की गई, जिसमें सत्यापन के बाद शेष अनुदान राशि का भुगतान निर्माता को किया जाता है। इन सभी प्रक्रियाओं का उद्देश्य किसानों को पारदर्शी और सरल सुविधा प्रदान करना रहा है।"

निष्कर्ष - 

बिहार सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए उनको भारी छूट पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। 

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