केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि “प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना” को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि देश में खाद्यान्न, फल, सब्जियां और दुग्ध उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। इसके बावजूद विभिन्न राज्यों और ज़िलों में कृषि उत्पादकता में भारी अंतर देखने को मिलता है।
उन्होंने बताया कि जिन ज़िलों में उत्पादकता अपेक्षाकृत कम है या जहाँ किसान एग्रीकल्चर क्रेडिट (ACC) के तहत कम लोन लेते हैं, उन ज़िलों को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित किया जाएगा। ऐसे लगभग 100 ज़िलों का चयन किया जाएगा — जिसमें हर राज्य का कम से कम एक ज़िला शामिल होगा।
चुने गए ज़िलों में केंद्र सरकार की 11 योजनाओं को कन्वर्जेंस (अभिसरण/समन्वय) के माध्यम से लागू किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार की योजनाओं को भी एकीकृत किया जाएगा। जो व्यक्ति या संस्थाएं सहयोग करना चाहें, उन्हें भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा।
ये भी पढ़ें: पीएम किसान की 20 वीं किस्त इस तारीख को आ सकती है ?
प्रत्येक चिन्हित ज़िले के लिए एक नोडल अफसर की नियुक्ति की जाएगी। जुलाई माह के भीतर ज़िलों और नोडल अधिकारियों की सूची तय कर ली जाएगी और अगस्त से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए जन-जागरूकता भी ज़रूरी होगी।
नीति आयोग को कुछ निश्चित मापदंडों के आधार पर ज़िलों की प्रगति दिखानी होगी। निगरानी और मूल्यांकन के लिए नीति आयोग एक डैशबोर्ड तैयार करेगा। यह अभियान अक्टूबर महीने से रबी सीजन के साथ शुरू किया जाएगा।
प्रत्येक ज़िले में एक समिति गठित की जाएगी, जिसे ग्राम पंचायत या ज़िला कलेक्टर नेतृत्व देंगे। समिति में विभागीय अधिकारी, प्रगतिशील किसान और अन्य हितधारकों को भी शामिल किया जाएगा।
राज्य स्तर पर एक टीम बनाई जाएगी जिसकी ज़िम्मेदारी योजनाओं का समुचित समन्वय सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा केंद्र स्तर पर दो टीमों का गठन किया जाएगा — एक केंद्रीय मंत्रियों की और दूसरी सचिव स्तर के अधिकारियों की।
ये भी पढ़ें: पशुपालन के लिए 42 लाख के लोन पर 33% प्रतिशत अनुदान
श्री चौहान ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य केवल राष्ट्रीय औसत उत्पादकता को नहीं बल्कि सर्वोच्च उत्पादकता को भी प्राप्त करना है। साथ ही फसलों के साथ-साथ फलोत्पादन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, कृषि वानिकी जैसे विविध क्षेत्रों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
अंत में उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना” एक बड़ा और व्यापक अभियान है, जिसका लक्ष्य कृषि क्षेत्र में समावेशी और संतुलित विकास सुनिश्चित करना है।