बरसात की वजह से फसलें बर्बाद हो सकती हैं, विशेषकर जब बारिश सीमा से बहुत ज्यादा हो या समय पर बिल्कुल ना हो। इससे फसलों को काफी नुकसान हो सकता है, जैसे कि जड़ सड़न, फफूंद संक्रमण, जलभराव और मिट्टी का कटाव।
किसानों को अपनी फसलें बचाने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए, जैसे कि जल निकासी की व्यवस्था करना और फसल को सुखाना इत्यादि।
ट्रैक्टरचॉइस के इस लेख में आज हम जानेंगे बारिश से फसल पर होने वाले प्रभावों के बारे में। आइए जानते हैं, बारिश से होने वाले नुकसान और उनसे बचाव के उपायों के बारे में।
खेत में एक सीमा से ज्यादा बारिश होने की वजह से पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं, जिससे वह कमजोर हो जाती हैं और समाप्त भी हो सकती हैं।
खेत में ज्यादा बारिश की वजह से नमी बढ़ने के कारण फफूंद संक्रमण का संकट बढ़ जाता है, जिससे फसलें बर्बाद हो सकती हैं।
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खेत में अधिक बारिश की वजह से खेतों में पानी भर सकता है, जिससे फसलें डूब सकती हैं और नष्ट भी हो सकती हैं।
मूसलाधार बारिश की वजह से बड़े पैमाने पर मिट्टी का कटाव हो सकता है, जिसके चलते फसलें कमजोर हो सकती हैं और पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है।
सीमा से ज्यादा बारिश होने की वजह से फलों में सड़न की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, विशेष रूप से आम और अन्य फलों में।
खेतों से पानी निकालने के लिए, जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए।
यदि फसल भीग गई है, तो उसे सुखा लेना चाहिए ताकि फफूंद संक्रमण से बचाया जा सके।
किसानों को फसल बीमा कराना चाहिए ताकि उन्हें नुकसान की भरपाई हो सके।
यदि नुकसान बहुत ज्यादा है, तो किसानों को कृषि विभाग से संपर्क करना चाहिए।
प्रश्न : क्या अधिक बारिश से फसलों को नुकसान होता है ?
उत्तर : जी हाँ, अधिक बारिश होना भी फसल के लिए हानिकारक होती है।
प्रश्न : किसानों को बारिश से अपनी फसल की सुरक्षा करने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर : किसानों को बारिश से फसल की सुरक्षा हेतु फसल बीमा जरूर करवाना चहिए।
प्रश्न : क्या अधिक बारिश से मृदा शक्ति का क्षरण होता है ?
उत्तर : जी हाँ, अधिक बर्षा होने की वजह से मिट्टी में कटाव आने लगता है और मृदा की शक्ति में गिरावट आती है।