भारत की केंद्र और राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर निरंतर कार्य कर रही हैं।
केंद्र सरकार हमेशा से किसानों की उन्नति और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का हर संभव प्रयास कर रही है।
अब इसी कड़ी में खेती-किसानी के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त विधेयक पर चर्चा करते हुए कहा कि "वस्तु एवं सेवा कर (GST) को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) द्वारा ड्रिप सिंचाई प्रणाली, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे प्रमुख कृषि इनपुट पर जीएसटी कम करने के प्रस्ताव की समीक्षा की जा रही है।
सिर्फ इतना ही नहीं खाद्य क्षेत्र से जुड़े उत्पादों पर जीएसटी दरों का आकलन भी किया जा रहा है।"
देश के कई प्रमुख किसान संगठनों द्वारा कृषि उपकरणों और इनपुट पर जीएसटी पूरी तरह से समाप्त करने की मांग की है। इन समूहों में भारतीय किसान संघ (BKS) और अन्य किसान संगठनों भी शामिल हैं।
किसानों का कहना है, कि कृषि उपकरणों और इनपुट पर जीएसटी पूरी तरह से हटाने के परिणामस्वरूप यह किसानों के बड़े वित्तीय बोझ को कम करेगा, जिससे खेती की लागत में काफी गिरावट देखने को मिलेगी।
खेती की लागत कम करने के लिए इसको पूरी तरह से माफ किया जाना चाहिए। फलस्वरूप किसानों को इससे अधिक मुनाफा हांसिल हो सकेगा।
वित्त विधेयक, 2025 पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि "ट्रैक्टर, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, उर्वरक और कीटनाशकों सहित कृषि इनपुट पर जीएसटी को शून्य करने के प्रस्ताव पर 17 सितंबर, 2021 को 45वीं जीएसटी परिषद की बैठक में चर्चा की गई थी, लेकिन उस समय इस पर सहमति नहीं बन पाई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि "अब मंत्रियों का समूह इस पर विचार कर रहा है, इसलिए इन मदों पर जीओएम द्वारा विचार किया जाएगा और वे इस पर निर्णय लेंगे।" बाद में लोकसभा ने वित्त विधेयक, 2025 पारित कर दिया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आदेशानुसार कृषि उपकरणों और इनपुट पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कम करने के प्रस्ताव की मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) द्वारा समीक्षा की जा रही है। किसान साथियों को इसकी वजह से कम लागत में अधिक लाभ हांसिल हो सकेगा।