किसानों को आर्थिक रूप से सहायता पहुँचाने और प्राकृतिक आपदाओं से संरक्षण देने हेतु लंबे समय से केंद्र एवं राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से योजनाएं जारी करती रही हैं।
आज हम एक ऐसी ही किसान कल्याणकारी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की चर्चा करेंगे, जो कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए शुरू की गई थी। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी करना भी है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) 2007 में शुरू की गई एक सरकारी योजना है, जो राज्यों को उनकी कृषि विकास योजना बनाने की अनुमति देती है।
यह योजना फसल उत्पादन, पशुपालन, डेयरी विकास, कृषि अनुसंधान और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में मदद प्रदान करती है। किसानों की सहायता के लिए सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनके माध्यम से किसानों की विभिन्न तरीकों के माध्यम से हर संभव मदद की जाती है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की शुरुआत साल 2007 में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य फसलों को बेहतर बनाना है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का उद्देश्य कृषि-बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देना और किसानों के प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी कृषि और संबंधित क्षेत्र की विकास गतिविधियों को चुन सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि आवेदन करने वाले उम्मीदवार के पास आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पासपोर्ट साइज फोटो आदि होने बेहद आवश्यक हैं।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत फसल की खेती, बागवानी, डेयरी विकास, कृषि अनुसंधान और शिक्षा, पशुपालन और मत्स्य पालन, खाद्य भंडारण जैसे कार्यों के लिए काफी फायदा मिलेगा।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों का विकास करना है। योजना के तहत किसानों की आवश्यकता के मुताबिक योजना का निर्माण किया जाएगा, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा और उनकी आमदनी में वृद्धि हो सकेगी।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में आवेदन करने के लिए आवेदक को भारत का नागरिक होना चाहिए। इसके साथ-साथ उसकी आयु 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए। आवेदक के पास सभी आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए। इस योजना का लाभ केवल किसानों को ही मिलेगा।