इस राज्य में शेडनेट हॉउस निर्माण पर 50% प्रतिशत अनुदान

By: tractorchoice
Published on: 26-Oct-2024
इस राज्य में शेडनेट हॉउस निर्माण पर 50% प्रतिशत अनुदान

किसानों की आमदनी को दोगुना करने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से विभिन्न प्रकार की योजनाएं जारी करती रहती हैं। 

इसी कड़ी में बिहार के रोहतास जनपद में शेडनेट से खेती करने पर 50% प्रतिशत सब्सिड़ी मुहैय्या कराई जा रही है। 

जिले में संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत कृषि विभाग ने 2000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के शेडनेट हाउस के निर्माण की स्वीकृति दी है। 

शेडनेट हाउस के निर्माण का प्रमुख लक्ष्य किसानों को ऑफ-सीजन में भी सब्जियों की खेती करने का अवसर प्रदान करना है। 

इस योजना के अनुसार वर्ष 2024-25 में किसानों को 50% प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा, ताकि किसान कम लागत में अधिक लाभ कमा सके।

शेडनेट से खेती मौसम की चुनौती को कम करती है  

जिला सहायक निदेशक जितेंद्र कुमार ने बताया कि "शेडनेट हाउस में तापमान नियंत्रित रखने के लिए पंखे लगाए जाएंगे।

इससे किसान मौसम की बाधाओं के बिना शिमला मिर्च, फूलगोभी, स्ट्रॉबेरी और टमाटर जैसी फसलें सफलतापूर्वक उगा सकेंगे। 

इन संरक्षित हाउस में खेती से फसल की गुणवत्ता बेहतर होगी और उत्पादन में काफी वृद्धि होगी। सिंचाई की आधुनिक तकनीक के रूप में ड्रिप सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा, 

जो पानी की खपत को कम करेगा और ज्यादा सटीक सिंचाई सुनिश्चित करेगा। यह प्रणाली किसानों को कम पानी में अधिक उपज देने में मदद करेगी, जिससे उनकी फसल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।"

ये भी पढ़ें: प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत किसानो को दी जाएगी 55% सब्सीडी

शेडनेट पर सब्सिड़ी पाने के लिए क्या करें ?

जिला सहायक निदेशक जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसान अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं। 

कृषि विभाग का उद्देश्य है, कि इस योजना के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि हो और वे संरक्षित खेती की आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अधिक उत्पादन कर सकें और बेहतर कमाई भी कर सकें। 

इस योजना के अंतर्गत किसानों को आधुनिक खेती की ओर प्रेरित करना और उन्हें नई तकनीकों से जोड़ना विभाग का प्रमुख लक्ष्य है, 

ताकि जिले के किसान खेती में आत्मनिर्भर बन सके और मौसम की निर्भरता से मुक्त होकर पूरे वर्ष फसल उत्पादन कर सके। 

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