लगातार केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से नई नई योजनाएं जारी करती रहती हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पीडीएस के लिए 'अन्न चक्र' और 'स्कैन पोर्टल' अनावरण किया है।
अन्न चक्र खाद्यान्न की निर्बाध आपूर्ति, लागत एवं वक्त की बचत में सहयोगी है, जिससे प्रति वर्ष 250 करोड़ रुपये की बचत होगी।
स्कैन पोर्टल अनुदान दावों के शीघ्र समाधान करने में सहयोग करता है। यह पहल 81 करोड़ लाभार्थियों तक सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करती है।
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन उपकरण ‘अन्न चक्र’ और स्कैन पोर्टल (NFSA के लिए सब्सिडी आवेदन) का अनावरण किया है।
सरकार के द्वारा उठाया गया यह बेहद महत्वपूर्ण कदम राज्यों की सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अनुदान की सुविधा को आसान बनाने में बेहद मददगार साबित होगा।
"अन्न चक्र" पोर्टल खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा संचालित है, जिसे विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी), आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से विकसित किया गया है।
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जानकारी के लिए बतादें, कि इस पोर्टल की सहायता से अधिकतम विकल्पों की पहचान करने और आपूर्ति श्रृंखला नोड्स में खाद्यान्न की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए उन्नत एल्गोरिदम है।
इसके अलावा अन्न चक्र पोर्टल में कई तरह की विभिन्न श्रृंखला शामिल हैं, जो किसानों से लेकर उचित मूल्य की दुकानों तक कई हितधारकों पर निर्भर है।
यह पहलू इस पहल को अनूठा बनाता है, जो 81 करोड़ लाभार्थियों तक खाद्यान्न की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने और PDS को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगी।
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यह उपकरण पीडीएस आपूर्ति श्रृंखला को शानदार बनाने के लिए तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य खाद्यान्न की समय पर और सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
इसे IIT दिल्ली और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के सहयोग से विकसित किया गया है। यह ईंधन, समय और लागत की बचत के साथ-साथ पर्यावरण को भी फायदा पहुंचाएगा।
30 राज्यों में इसे लागू किया गया है, जिससे हर साल लगभग 250 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस परियोजना में 37 लाख उचित मूल्य की दुकानें और 6,700 गोदाम शामिल हैं।
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स्कैन (एनएफएसए के लिए सब्सिडी दावा आवेदन) पोर्टल राज्यों द्वारा सब्सिडी दावों को प्रस्तुत करने, दावे की जांच करने और परेशानियों को तुरंत निपटाने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए डीएफपीडी द्वारा मदद करेगा।
यह पोर्टल नियम-आधारित प्रोसेसिंग का उपयोग करके खाद्य सब्सिडी जारी हेतु सभी प्रक्रियाओं के शुरू से अंत तक के वर्कफ्लो का स्वचालन सुनिश्चित करेगा।
केंद्र सरकार की यह पहल ईंधन की खपत, समय और लॉजिस्टिक्स संबंधी लागत में कमी लाने वाले सुव्यवस्थित कार्यों की बचत करती है।
साथ ही, इसकी मदद से परिवहन-संबंधी उत्सर्जन में कमी के कारण कम कार्बन उत्सर्जन के पर्यावरणीय लाभ होगा।