जैसा कि हम सब जानते हैं, मौसम का कृषि उत्पादकता से बहुत बड़ा और सीधा संबंध है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ, गुजरात, तेलंगाना और मराठवाड़ा के आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बाढ़ का खतरा होने की आशंका है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार, 2 सितंबर को बंगाल की खाड़ी से उठने वाली चक्रवात को लेकर चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग ने बताया है, कि आने वाले 12 घंटों में कम दबाव क्षेत्र की वजह से भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पूर्व विदर्भ और तेलंगाना, चंद्रपुर (महाराष्ट्र) इस चक्रवात के केंद्र में रहेंगे।
मौसम विभाग की ओर से जारी अगले सात दिन के मौसम बुलेटिन के मुताबिक, 2 सितंबर को विदर्भ में भारी बारिश की आशंका है।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ, गुजरात क्षेत्र, तेलंगाना और मराठवाड़ा के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बाढ़ का खतरा होने की आशंका है।
इसके अतिरिक्त मराठवाड़ा, असम और मेघालय में 02 और 03 सितम्बर को भारी बारिश होगा। गुजरात में 03 सितम्बर को सौराष्ट्र और कच्छ में बहुत भारी वर्षा होगी।
ये भी पढ़ें: इस वर्ष अच्छी वर्षा होने से 5% प्रतिशत फसलीय उपज में वृद्धि की संभावना
मौसम विभाग ने बताया है, कि चक्रवात और भारी वर्षा की वजह से स्थानीय सड़कों पर बाढ़, निचले इलाकों में जल जमाव जैसी दिक्कतें आएंगी। इसके साथ ही भारी बारिश की वजह से विजिविलिटी भी कम हो जाएगी।
सड़कों पर जल जमाव होने की वजह से प्रमुख शहरों में यातायात बाधित होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त मौसम विभाग ने कहा है, कि प्रभावित इलाकों में कमजोर संरचना को हानि की संभावना है।
मौसम विभाग ने प्रभावित इलाकों में मूसलाधार बारिश और चक्रवात को मद्देनजर रखते हुए कुछ सावधानियाँ बरतने का मशवरा दिया है। विभाग का कहना है, कि मध्य महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा और घाट इलाकों में काले चने और हरे चने की फसल को सुरक्षित जगहों पर एकत्रित कर लें।
इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, कोंकण एवं गोवा, पश्चिमी मध्य प्रदेश, दक्षिणी गुजरात, केरल और तटीय कर्नाटक में जल जमाव से संरक्षण के लिए खड़ी फसलों और फलों के बागों में जमे जल की निकासी के लिए कोई अतिरिक्त मार्ग निकालें।
दक्षिण ओडिशा में मक्का, मूंगफली, रागी, सब्जियां, नीगर और केला से; आंध्र प्रदेश में चावल, मक्का, गन्ना, लाल चना, कपास, मूंगफली, सब्जियों और बागवानी फसलों से; तेलंगाना में चावल, सोयाबीन, लाल चना, मक्का, कपास और हल्दी के खेतों में पानी जमने से रोक लगाने के उपाय निकालें।